करतारपुर कॉरिडोरः निर्माण के लिए की गई जमीन की निशानदेही, अब अधिग्रहण की तैयारी

डेरा बाबा नानक में करतारपुर कॉरिडोर के निर्माण के लिए जमीन की निशानदेही कर ली गई है, और अब अधिग्रहण की तैयारी शुरू हो गई है। इसी सिलसिले में डेरा बाबा नानक की भारत-पाकिस्तान सीमा पर बने दर्शन स्थल पर कॉरिडोर की तैयारियों को लेकर अहम बैठक हुई। इस बैठक में डेरा बाबा नानक के एसडीएम अशोक कुमार शर्मा और बीएसएफ के आईजी महिपाल यादव मौजूद रहे।

मीटिंग के बाद डेरा बाबा नानक के एसडीएम अशोक कुमार शर्मा ने बताया कि रेवेन्यू विभाग के पटवारियों ने अब तक दर्शन स्थल तक आने वाली सड़कों की निशानदेही की है, ताकि जमीन का अधिग्रहण किया जा सके। जमीन की निशानदेही के लिये लाल झंडियां भी लगाई जा रही हैं। एसडीएम ने बताया कि विभाग की ओर से जो जमीन अधिग्रहीत की जानी है, उसकी खसरा नंबर आदि की रिपोर्ट तैयार करके सरकार को भेज दी जायेगी।

इसके अलावा लांघे के निर्माण के दौरान बीएसएफ के दफ्तर, कस्टम की इमारत, इमीग्रेशन के दफ्तर भी तैयार किये जाएंगे। इनके निर्माण के लिये 70 किले जमीन की जरूरत पड़ेगी। एसडीएम ने बताया कि मीटिंग के दौरान बीएसएसफ के अधिकारियों ने भी अपने सुझाव दिए हैं। करतारपुर लांघे के निर्माण का काम तेजी से चल रहा है और जल्द ही इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा।

खुले दर्शन के लिए पासपोर्ट की शर्त खत्म हो
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिह ने करतारपुर कॉरिडोर से जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट की शर्त खत्म करने की मांग की है। कैप्टन ने कॉरिडोर के आसपास बनाए जाने वाले बुनियादी ढांचे और सड़कों को जल्द अंतिम रूप देने के लिए मोदी सरकार से आग्रह किया है, ताकि इस ऐतिहासिक कॉरिडोर को अमल में लाने के लिए बिना किसी और देरी के जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा सके।

कैप्टन ने केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि कॉरिडोर से जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए पासपोर्ट की शर्त को खत्म किया जाए। पत्र में मुख्यमंत्री ने रिवायती सिख अरदास के मद्देनजर श्री करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के ‘खुले दर्शन’ की सुविधा के लिए साधारण प्रक्रिया अपनाने की विनती की है।

मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार को लिखे पत्र में सुझाव दिया है कि शिनाख्त के लिए पासपोर्ट के बजाय आधार कार्ड जैसे योग्य सरकारी दस्तावेज का प्रयोग किया जा सकता है, जिससे अधिक से अधिक श्रद्धालु इस पवित्र स्थान के दर्शन कर सकें।

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