सुषमा की सीट से लड़ सकते हैं शिवराज, 29 में से 12 लोकसभा सीटों पर पिछड़ी भाजपा !

लोकसभा चुनाव के बिगुल बजने से पहले ही चुनावी शोरगुल शुरू हो गया है। हाल ही में विधानसभा चुनाव में पिछड़ने के बाद भाजपा ने लोकसभा चुनाव में परचम लहराने के लिए विधानसभा चुनाव के दौरान बनाई गई लोकसभा चुनाव अभियान समिति को भी एक्टिव कर दिया है। पार्टी विधानसभा चुनाव के दौरान 29 में से 12 लोकसभा सीटों पर पिछड़ती दिख रही है। इन सीटों पर मकर संक्रांति के बाद कमर कसने जा रही है।

पार्टी आलाकमान का मानना है कि विधानसभा चुनावों के परिणाम के बाद विदिशा, खजुराहो, रतलाम, देवास, गुना, छिंदवाड़ा समेत 11 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों को लेकर नए सिरे से संगठन में चर्चा की जरूरत है।

दिग्गजों के सीट पर पार्टी उतारेगी दिग्गज

पार्टी ने अपनी रणनीति बदलते हुए कांग्रेस के दिग्गज कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांतिलाल भूरिया की सीटों मजबूत प्रत्याशी उतारने का एलान किया है। पार्टी संगठन प्रभात झा और थावरचंद गहलोत की भूमिका को लेकर मंथन कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय राजनीति में जाने से इंकार किया था मगर पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की राय इससे जुदा है।

अंतिम फैसला अमित शाह लेंगे

विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी ने भाजपा ने खजुराहो सीट से सांसद नागेंद्र सिंह और देवास सीट से सांसद मनोहर ऊंटवाल को चुनाव मैदान में उतारा था। दोनों ही नेताओं ने जीत हासिल की थी। पार्टी के सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस की सरकार बसपा के समर्थन से चल रही है, भविष्य में अगर परिस्थितियां बदली और यह अल्पमत में आ गई तो नंबर गेम अहम हो जाएगा। लिहाजा पार्टी इस बार किसी भी विधायक को लोकसभा चुनाव में नहीं उतारने वाली है। कहा जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी चयन का फैसला अमित शाह लेंगे।
बन रहा 11 सीटों पर जीत का फॉर्मूला

इन ग्यारह सीटों में गुना, सागर, खजुराहो, रीवा, सीधी, छिंदवाड़ा, विदिशा, भोपाल, राजगढ़, देवास और रतलाम शामिल हैं। रीवा से जनार्दन मिश्रा और सीधी सीट से रीति पाठक पहली सांसद बने हैं। इस बार इन दोनों सीटों पर कांग्रेस की ओर से दमदार चेहरे अजय सिंह, पुष्पराज सिंह, सुंदरलाल तिवारी के लड़ने की चर्चा है।

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने रतलाम और शहडोल सीट दमदार नेता दिलीप सिंह भूरिया व दलपतसिंह परस्ते के कारण कांग्रेस से छीनी थी। अब यह दोनों ही नेताओं का निधन हो चुका है। पार्टी रतलाम में नए चेहरे की तलाश कर रही है क्योंकि दिलीप सिंह के निधन के बाद कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने उपचुनाव में यह सीट भाजपा से छीन ली थी। हालांकि पार्टी शहडोल में पूर्व मंत्री ज्ञान सिंह पर फिर से दांव लगा सकती है।
सुषमा स्वराज की जगह ले सकते हैं शिवराज

विदेश मंत्री और विदिशा से सांसद सुषमा स्वराज के चुनावी जंग में उतरने से मना करने के बाद माना जा रहा है कि पार्टी यहां से सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उम्मीदवार बना सकती है। भोपाल सीट पर भी बदलाव की खबरें आ रही हैं पार्टी यहां से किसी बाहरी को खड़ा कर सकती है। हालांकि सहमति नहीं बनने पर उमाशंकर गुप्ता को चेहरा बनाया जा सकता है। भोपाल से आलोक संजर सांसद हैं।

भाजपा की मुश्किलें इन सीटों पर बढ़ी

विधानसभा चुनाव में राजगढ़, छिंदवाड़ा में कांग्रेस को मिली सफलता ने भाजपा की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। सागर में भाजपा सांसद लक्ष्मीनारायण यादव की उम्र 74 साल हो गई है। हाल ही में उनका बेटा विधानसभा का चुनाव हारा है। उज्जैन सीट पर 2014 में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे प्रेमचंद गुड्डू विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा में शामिल हो चुके हैं। उन्हें चिंतामणि मालवीय ने हराया था। इस सीट को लेकर दोनों नेताओं के दावे से पेंच फंसता दिख रहा है। थावरचंद गहलोत के चुनावी जंग में उतरने पर इस सीट से उनका भी दावा हो सकता है।

इसके अलावा धार, खरगौन और मंदसौर संसदीय सीट को लेकर भाजपा फीडबैक का इंतजार कर रही है। यहां भाजपा की ओर से पहली बार के सांसद क्रमश: सावित्री ठाकुर, सुभाष पटेल व सुधीर गुप्ता हैं।
क्या कहते हैं पिछले दो आम चुनाव के आंकड़े
वर्ष भाजपा (वोट %) कांग्रेस (वोट %) बसपा
2014 27 सीट, 54.02% 02 सीट, 34.89% —
2009 16 सीट, 43.45% 12 सीट, 40.14% 1 सीट

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