पूरी दुनिया में अमेरिका के बाद चीन का रक्षा बजट सबसे ज्यादा, पांचवें नंबर पर है भारत

नई दिल्ली: पूरे विश्व में रक्षा बजट पर जितना खर्च होता है, उसमें से करीब आधा हिस्सा अमेरिका और चीन के रक्षा बजट का है. इसमें 36 परसेंट हिस्सा अकेले अमेरिका का है, जबकि चीन की हिस्सेदारी 13 प्रतिशत की है. जबकि भारत का रक्षा बजट पूरे विश्व में 3.3 परसेंट का है. उधर, अपनी सेना के लगातार आधुनिकीकरण में जुटे चीन ने रक्षा बजट में जबर्दस्त बढ़ोतरी की है. चीन ने इस बार रक्षा बजट में 8.1 फीसदी के इजाफे का ऐलान किया है.

2018 के लिए चीन का रक्षा बजट 175 अरब अमेरिकी डॉलर यानी 11,380 अरब रुपये हो गया है. यह भारत के बजट की तुलना में करीब तीन गुना है. फिलहाल भारत का बजट चीन के मुकाबले सिर्फ 45 अरब डॉलर यानी करीब 2.95 लाख करोड़ ही है. हालांकि इससे पहले 2017-18 में यह बजट 2.74 लाख करोड़ रुपये ही था.

पूरे विश्व के रक्षा बजट में 36% है अमेरिका का हिस्सा

इकोनॉमिक्स टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, 2016 की स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टिट्यूट की रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका का रक्षा बजट 36 पर्सेंट है, जो चीन के 13 पर्सेंट के मुकाबले करीब तीन गुना अधिक है. इस मामले में भारत 5वें स्थान पर है. उससे आगे अमेरिका, चीन, रूस और सऊदी अरब हैं. वहीं दुनिया भर में अपनी मजबूत सेना के लिए मशहूर इजरायल 15वें स्थान पर है और उसका खर्च महज 1.1 फीसदी है.

क्या है चीन का प्लान

अपने बजट में बड़ा इजाफा कर अब चीन का ध्यान अपनी सेनाओं के आधुनिकीकरण, मजबूत नौसैन्य ठिकाने स्थापित करने और हवाई बेस तैयार करने पर है. वहीं प्रतिद्वंद्वी देश चीन की तुलना में भारत का रक्षा बजट कम है और आधुनिकीकरण की प्रक्रिया भी धीमी है. नए कॉम्बैट जेट्स, फाइटर स्क्वैड्रन्स, सबमरीन्स और फ्यूचर इन्फैन्ट्री कॉम्बैट वीकल्स को बेड़े में शामिल करने की प्रक्रिया धीमी हो गई है.

चीन ने बढ़ाया रक्षा बजट लेकिन पीएलए में कर दी 3 लाख सैनिकों की कटौती

चीन ने सोमवार को जहां एक तरफ अपने रक्षा बजट को भारत की अपेक्षा 3 गुना बड़ा रखा है. वहीं दूसरी तरफ उसने 23 लाख सैनिकों के संख्याबल वाली अपनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी( पीएलए) में तीन लाख सैनिक कम कर दिए हैं. अब पीएलए में 20 लाख सैनिक रह गए हैं. इस कदम का मकसद दुनिया की सबसे बड़ी थलसेना को आधुनिक युद्ध जीतने में सक्षम बनाना है. चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) को सौंपी गई अपनी वार्षिक कार्य रिपोर्ट में यह घोषणा की. ली ने कहा कि सेना ने जवानों की संख्या में तीन लाख की कटौती के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लिया है जिससे 23 लाख सैनिकों के संख्याबल वाली पीएलए में अब महज 20 लाख सैनिक रहेंगे.

भारत की चिंता बढ़ाने वाला है चीन का रक्षा बजट

चीन के रक्षा बजट में यह बड़ा इजाफा भारत की चिंताओं को बढ़ाने वाला है. फिलहाल भारत को चीन से रणनीतिक क्षेत्र में मुकाबले के लिए रक्षा क्षेत्र में इस अंतर को खत्म करना होगा. ऐसे वक्त में यह और अहम हो जाता है, जब भारत और चीन डोकलाम में एक दूसरे के आमने-सामने हैं और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है. सरकार के कामकाज की रिपोर्ट पेश करते हुए प्रधानमंत्री ली कचियांग ने कहा कि चीन अपने वायु और नौसैन्य ठिकानों को मजबूत करने का काम करता रहेगा. उन्होंने कहा, ‘चीन अपने सैन्य प्रशिक्षण और युद्ध की तैयारियों को आधुनिक रूप देने का काम करेगा. चीन पूरी क्षमता के साथ अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और अपने हितों की रक्षा के लिए तत्पर है.

पूरी दुनिया के रक्षा बजट पर एक नजर

अमेरिका- 36%
चीन- 13%
रूस- 4.1%
सउदी अरब- 3.8%
भारत- 3.3%
फ्रांस- 3.3%
यूके- 2.9%
जापान- 2.7%
जर्मनी- 2.4%
दक्षिण कोरिया- 2.2%
इटली- 1.7%
ऑस्ट्रेलिया – 1.5%
ब्राजील- 1.4%
यूएई- 1.3%
इसराइल- 1.1%
अन्य देश- 19%

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