” GST रिटर्न को लेकर दिल्ली सरकार लेगी व्यापारियों की राय “

जीएसटी को लागू हुए 8 महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी भी समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जीएसटी रिटर्न फाइल करना अभी भी सबसे बड़ी मुसीबत बना हुआ है। जहां जीएसटी काउंसिल की ओर से व्यापारियों को चार रिटर्न भरने के लिए कहा गया था, वहीं आलम यह है कि केवल दो रिटर्न ही भरे जा रहे हैं और बाकी की दो रिटर्न को अभी ठंडे बस्ते में ही डाला हुआ है।

जानकारों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल जल्द ही रिटर्न प्रक्रिया में फेरबदल करने जा रही है , इसके लिए दो विशेषज्ञों से रिटर्न प्रक्रिया की नई व्यवस्था का प्रारूप तैयार करवाया गया है। अब इनमें से एक को लागू करने के लिए केंद्र सरकार 10 मार्च को जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में तमाम राज्यों की सरकार से सलाह लेगी।

इसी सिलसिले में दिल्ली सरकार ने जीएसटी सपोर्ट कमिटियों की मदद से दिल्ली के तमाम व्यापारियों से रिटर्न प्रक्रिया को लेकर राय मांगी है। व्यापारियों को 6 मार्च तक अपनी अपनी राय दिल्ली सरकार के टैक्स डिपार्टमेंट तक पहुंचानी है, जिसके बाद 10 मार्च को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में यह राय प्रस्तुत की जाएगी।

आप ट्रेड विंग के संयोजक बृजेश गोयल एवं अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल

ने बताया कि जीएसटी का रिटर्न फॉरमेट पूरी तरह से विफल साबित रहा है। जीएसटी लागू होने के बाद हर व्यापारी को चार रिटर्न भरने के लिए कहा गया था।

फार्म 3 बी, जीएसटीआर 1, 2 और 3 

हर व्यापारी के लिए ये चारों रिटर्न भरना अनिवार्य था। लेकिन तकनीकी खामियों व जटिल प्रक्रिया के चलते फार्म 3बी व जीएसटीआर 1 ही भरे जा रहे हैं। क्योंकि इन खामियों के लिए कहीं न कहीं जीएसटी काउंसिल ही जिम्मेदार है, इसलिए जीएसटीआर 2 और 3 से व्यापारियों को राहत दे दी गई । जीएसटी काउंसिल की कमी का ही कारण है कि जुलाई से लेकर अब तक जीएसटीआर 2 और 3 एक बार भी नहीं भरे गए हैं।

यह दर्शाता है कि कैसे बगैर तैयारी के ही देश की टैक्स व्यवस्था को पूरी तरह से बदल देने वाले जीएसटी को लागू कर दिया गया। अब सरकार अपनी साख बचाने के चक्कर में रिटर्न का नया मॉडल लागू करने की फिराक में है। ट्रेड विंग के महासचिव विष्णु भार्गव का कहना है कि दिल्ली सरकार ने 5 और 6 मार्च को सभी गठित जीएसटी सपोर्ट कमिटियों के माध्यम से दिल्ली के सभी व्यापारियों से राय मांगी है।

दिल्ली सरकार के टैक्स डिपार्टमेँट के पास जीएसटी काउंसिल द्वारा रिटर्न प्रक्रिया के लिए तैयार कराए गए दोनों प्रस्तावित मॉडलों को भेजा गया है। आज से शुरू होने वाली दो दिवसीय कार्यशाला या बैठक में दिल्ली सरकार का टैक्स डिपार्टमेंट सभी जीएसटी सपोर्ट कमिटियों के सामने इन दोनों मॉडलों का प्रारूप रखते हुए उनकी राय मांगेगा कि कौनसा मॉडल रिटर्न प्रक्रिया के लिए सही रहेगा। राय मिलने के बाद इसका ड्राफ्ट तैयार कर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सौंपा जाएगा ताकि 10 मार्च को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में दिल्ली के व्यापारियों की आवाज को उठाया जा सके।

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