अपनी ही सरकार के खिलाफ 24 से अनशन पर बैठेंगे यूपी के कैबिनेट मंत्री राजभर

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को वाराणसी पहुंचे राजभर ने केंद्र सरकार और यूपी सरकार पर हमला बोला। पिछड़ी जाति के 27 प्रतिशत आरक्षण में कैटेगरी की मांग को लेकर 24 दिसंबर से प्रदेशव्यापी क्रमिक अनशन पर जाने का एलान किया।

इस्तीफा देने के सवाल पर कहा कि भाजपा निकालना चाहे तो निकाल दें मैं छोड़ने वाला नहीं। चौकीदार चोर है के सवाल पर कहा कि एक चोर दूसरे को चोर कह रहा रहा है। बता दें कि राजभर ने पीएम मोदी की 29 दिसंबर को गाजीपुर दौरे में शामिल न होने का एलान किया है। वह 27 प्रतिशत आरक्षण को तीन वर्गों में बंटवाने के लिए भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। वह राजभरों को एकजुट भी करने का प्रयास कर रहे हैं। 

वाराणसी स्थित सर्किट हाउस में मीडिया से बातचीत के दौरान योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कई राष्ट्रीय मुददों पर बेबाक राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि सपा और बसपा का गठबंधन हुआ तो भाजपा प्रदेश से साफ हो जाएगी। यदि 27 फीसद आरक्षण में बंटवारा कर देते हैं तो लड़ाई में आ सकते हैं लेकिन क्या होगा मालूम नहीं।

एससी/एसटी के चलते दूसरे राज्यों में चुनाव हारे और आगे भी हारेंगे। कही भी गंगा स्वच्छ नहीं हो सकी। मंदिर में चढ़ावा भगवान को चढ़ते हैं लेकिन मजा पुजारी लेते हैं ऐसे में वहां भी आरक्षण लागू किया जाय। कहा कि देश के मंदिरों में पुजारी पद पर हर जाति के लोगों को रखा जाए। 
 

योगी सरकार के दो मंत्री आमने-सामने

गाजीपुर में 29 दिसंबर को होने वाली राजभरों की रैली को लेकर भाजपा और सुभासपा अपने-अपने वोट बैंक को सहेजने में जुट गई हैं। रैली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे। राजभरों के वोट वैंक के लिए योगी सरकार के दो मंत्री आमने सामने हैं।

रैली को सफल बनाने के लिए भाजपा के स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री अनिल राजभर तैयारियों में जोर-शोर से जुट गए हैं तो वहीं सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैबिनेट मंत्री ओमप्रकाश राजभर अपना किला बचाने की जुगत में हैं। रैली की तैयारियों को लेकर हलचल बढ़ गई है। 

ओमप्रकाश राजभर की पार्टी का दावा है कि राजभरों को सुहेलदेव के नाम पर डाक टिकट जारी कर झुनझुना पकड़ाया जा रहा है, जबकि सपा से भाजपा में शामिल अनिल राजभर की विश्वसनीयता को लेकर राजभर समाज निश्चिंत नहीं है। हालांकि अनिल राजभर पूरे पूर्वांचल में जनसंपर्क कर राजभरों को एकजुट कर रहे हैं।

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