करतार कॉरिडोर के नींव पत्थर पर किस अफसर ने लिखा बड़े और छोटे बादल का नाम, शुरू हुई तलाश

डेरा बाबा नानक में करतारपुर साहिब कॉरिडोर के नींव पत्थर पर पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल किस अफसर ने लिखाए, उसकी तलाश शुरू हो गई है। पंजाब सरकार ने जहां अपने स्तर पर उस अधिकारी को खोजने की मुहिम छेड़ी है वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय को पत्र लिखकर भी ‘दोषी’ अफसर को तलाशने का आग्रह किया है।

दरअसल, सारी कवायद पंजाब के कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा की उस आरटीआई का जवाब देने के लिए शुरू हुई है, जिसमें उन्होंने केंद्र सरकार से जानकारी मांगी है कि नींव पत्थर का निर्धारण करने वाले कौन-कौन अधिकारी थे और बादलों का नाम किस नियम के तहत नींव पत्थर पर लिखा गया? आरटीआई में रंधावा ने नींव पत्थर और शिलान्यास समारोह के बारे में कुछ अन्य जानकारियां भी मांगी हैं।

यही जानकारी उन्होंने पंजाब सरकार को पत्र लिखकर मांगी है। यह रंधावा ही थे, जिन्होंने शिलान्यास समारोह के दिन नींव पत्थर पर बादल पिता-पुत्र के नाम देखे तो सरकार के मंत्रियों के नाम पर एतराज जताते हुए काली पट्टी लगा दी थी। रंधावा की दलील थी कि पूर्व सीएम और पूर्व डिप्टी सीएम दोनों ही मौजूदा समय में किसी भी शासकीय कार्य के लिए अधिकृत नहीं हैं। ऐसे में किसी योजना आदि के शिलालेख पर उनका नाम नहीं लिखा जा सकता।

नाम का निर्धारण केंद्र सरकार को करना था

पंजाब के मुख्यमंत्री कार्यालय में रंधावा का पत्र पहुंचने के बाद से आरटीआई के तहत मांगी जानकारी एकत्र करने की मुहिम शुरू कर दी गई है। इसके तहत गुरदासपुर के डीसी से भी जानकारी ली जा रही है कि नींव पत्थर पर लिखे जाने वाले नामों में फेरबदल किया गया था या किसी ने नियमों की अनदेखी कर बादलों का नाम चस्पा कर दिया।

इधर, सीएमओ में भी कॉरिडोर के आधारशिला कार्यक्रम को लेकर केंद्र और राज्य सरकार के बीच हुए पत्राचार व दस्तावेजों को खंगाला जा रहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि गलती किस जगह हुई। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं हाईवे मंत्रालय ने भी इस पर काम शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है कि केंद्र और पंजाब सरकार की ओर से संयुक्त रूप से आयोजित शिलान्यास समारोह में नींव पत्थर पर जिन लोगों का नाम लिखा जाना था, उसका निर्धारण केंद्र सरकार की ओर से ही होना था।

अब पेंच यह है कि बादलों का नाम लिखे जाने की गड़बड़ी केंद्र के स्तर पर हुई है या पंजाब सरकार के। नियमानुसार, इस नींव पत्थर पर केवल चार लोगों के नाम- उपराष्ट्रपति वैंकया नायडू, पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी के लिखे जाने थे।

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