श्रीलंका: पूर्व राष्ट्रपति ने हमबनटोटा बंदरगाह के निजीकरण करने पर की सरकार की आलोचना

बेंगलुरू: श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति मंहिदा राजपक्षे ने अपने देश की मौजूदा सरकार की हमबनटोटो बंदरगाह का निजीकरण करने के लिए बुधवार को तीखी आलोचना की. राजपक्षे न कहा कि मेरी सरकार की स्पष्ट निजीकरण विरोधी नीति थी. मेरी पार्टी निजीकरण में यकीन नहीं करती है. लेकिन दुर्भाग्य से मौजूदा (श्रीलंकाई) सरकार हर चीज बेच रही है.

वह संवाददाताओं के इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि दो चीनी कंपनियां बंदरगाह और इसके आस-पास के निवेशक जोन की मालिक हैं. यह जानकारी मंगलवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में अधिकारियों ने दी. राजपक्षे तिरूपति में भगवान बालाजी की पूजा करने के बाद बोल रहे थे.

राजपक्षे ने कहा, ‘हमबनटोटा बंदरगाह की पेशकश पहले भारत से की गई थी. मैं इस पर विकास कार्य के लिए उत्साहित था, लेकिन आखिरकार चीन इसे बनाने पर राजी हो गया. पिछले साल दिसंबर में श्रीलंका ने हमबनटोटा बंदरगाह का नियंत्रण चीन को 99 साल के पट्टे पर दे दिया था. इससे क्षेत्र में चीन के प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों को लेकर यहां चिंता होने लगी थी.

 
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