7 माह की बच्ची के पेट से निकला भ्रूण, डॉक्टर भी गए चौंक

आपको शायद यकीन न हो और 7 माह की बच्ची के पेट से ऑपरेशन कर भ्रूण निकालने की बात गले भी न उतरे, लेकिन सच यही है। पिछले दिनों जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर बच्ची के पेट में उसके जन्म से ही पल रहे भ्रूण से मुक्ति दिलाई है।

बच्ची के पेट में पल रहा था भ्रूण

गुजरात के छोटा उदेपुर के मोती सिंह की 7 माह की बेटी प्रिंसा पिछले कुछ महीने से अजीब बीमारी से जूझ रही थी। चिकित्सकों को उसके फूलने का कारण समझ नहीं आ रहा था। गत सप्ताह मोती सिंह बेटी को लेकर यहां जिला अस्पताल आए। यहां सोनोग्राफी व विभिन्न जांच की रिपोर्टे देखने के बाद बाल रोग विभाग के प्रमुख डॉ. राकेश जोशी चौंक गए। रिपोर्टे कह रही थीं कि बच्ची के पेट में एक भ्रूण पल रहा है। इसके बाद चिकित्सकों ने ऑपरेशन कर बच्ची के पेट से करीब तीन सौ ग्राम के गांठ नुमा इस भ्रूण को निकाला। डॉ. जोशी बताते हैं कि करीब पांच लाख मामलों में एक बार ऐसी स्थिति बनती है, जिसे मेडिकल भाषा में फीटस टू फीटस कहा जाता है।

प्रिंसा के माता-पिता को जब इसके बारे में बताया तो पहली बार उन्हें कुछ समझ में ही नहीं आया, लेकिन चिकित्सकों ने शरीर विज्ञान की इस अजब मुसीबत से उनकी बेटी को निजात दिला दी।

500 वर्षों में ऐसे सिर्फ 150 मामले

स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हेमंत भट्ट कहते हैं, बीते 500 साल में अब तक ऐसे करीब 150 मामलों का ही मेडिकल जर्नल में उल्लेख मिलता है। महिला के गर्भ धारण करते समय जुड़वां बच्चों की स्थिति बनती है, लेकिन उनमें एक ही भ्रूण विकसित होता है और दूसरा पहले में ही समा जाता है। चूंकि उसे रक्त की आपूर्ति मिलती है, लेकिन हृदय व मस्तिष्क नहीं बनता, खाने की फीडिंग नहीं मिलती, जिससे वह कुछ विकसित होकर ठहर जाता है। डॉ. हेमंत कहते हैं कि इस प्रकार के मामले को वेनिशिंग ट्विन भी कहा जाता है।

 
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