दावोस में शाहरुख खान ने तीन तलाक और बेटी बचाओ अभियान पर बोली ये बात

नई दिल्लीः दावोस में क्रिस्टल अवार्ड से सम्मानित होने के बाद एक साक्षात्कार में शाहरूख खान ने अपनी संस्था की ओर से किए जा रहे कामों के बारे में विस्तार से बताया। शाहरुख को यह अवार्ड बच्चों और खास तौर पर एसिड हमले का शिकार हुई महिलाओं के लिए काम करने के लिए मिला है।

दावोस में विश्व आर्थिक मंच की ओर से सम्मानित होने के बाद शाहरुख खान ने अपने सामाजिक कामों के बारे में बात करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुरु किए गए बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान को हालात बदलने वाला एक अच्छा कार्यक्रम तो बताया ही तीन तलाक के खिलाफ की गई कानूनी पहल को भी महिलाओं के उत्थान में सहायक बताया। उन्होंने कहा कि मोदी के इन कदमों का असर देखने में वक्त लग सकता है, लेकिन इनसे माहौल बदलेगा।

दरअसल दावोस में विश्व आर्थिक मंच से उनका एक साक्षात्कार लिया गया। इस दौरान जब उनसे यह पूछा गया कि भारतीय प्रधानमंत्री महिलाओं के उत्थान के लिए क्या कर रहे हैं तो उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का जिक्र करने के साथ ही तीन तलाक को लेकर की गई कानूनी पहल को महिलाओं का भला करने वाला बताया। उनके मुताबिक वह बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान के अलावा मेक इन इंडिया अभियान को विशेष महत्व देते हैं। उन्होंने बताया कि मोदी ने उभरते भारत के बारे में वैसे ही बताया जैसे उनसे अपेक्षित था।

साक्षात्कार में शाहरुख ने अपने शुरुआती जीवन के बारे में विस्तार से बताते हुए यह स्पष्ट किया कि किस तरह पहले मां, फिर बहन और बाद में पत्नी और बेटी ने उनके जीवन को दिशा देने का काम किया है। शाहरुख ने अपने पिता मीर ताज मोहम्मद खान के नाम से मीर फाउंडेशन बना रखा है। यह मुख्यतः एसिड हमले का शिकार महिलाओं के उपचार और उनके पुनर्वास का काम करती है। उन्होंने इन महिलाओं को उतना ही साहसी और खूबसूरत बताया, जितना उनकी हीरोइनें हैं। इस बार क्रिस्टल अवार्ड शाहरुख के साथ के एल्टन जान और केट ब्लेंचेंट को भी मिला है। एल्टन जाने-माने गायक हैं और केट ब्लेंचेट आस्ट्रेलिया मूल की हालीवुड अभिनेत्री हैं। वह यूएनएचसीआर की गुडविल एंबेसेडर हैं।

 
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