पीयू में लेक्चर से छूट के नियम बदले, फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट देने वाले स्टूडेंट्स पर होगी एफआईआर

पंजाब यूनिवर्सिटी में अगले महीने होने वाले सेमेस्टर एग्जाम की तैयारी शुरू हो चुकी है। स्टूडेंट्स भी अटेंडेस पूरी करने में जुटे हैं। परीक्षा के रोल नंबर को लेकर पीयू प्रशासन ने इस बार सख्ती बरतने का फैसला लिया है। देर से मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करने पर लेक्चर से छूट का लाभ नहीं मिलेगा। साथ ही फर्जी मेडिकल देने वाले स्टूडेंट्स के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज हो सकती है। 


 स्टूडेंट्स को इस बार परीक्षा से करीब एक हफ्ते पहले ही रोल नंबर इश्यू कर दिए जाएंगे। साथ ही जिन स्टूडेंट्स को मेडिकल या परिवार में किसी तरह का हादसा होने के आधार पर छूट चाहिए, उन्हें भी अब समय पर मेडिकल सर्टिफिकेट विभाग को जमा करना होगा। पीयू नियमों के तहत छुïट्टी के बाद विभाग ज्वाइन करने के पांच दिन के भीतर मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करना अनिवार्य किया जा चुका है। 

डेथ होने पर पांच दिन के लेक्चर की मिलेगी छूट
पीयू नियमों के तहत किसी स्टूडेंट के परिवार में पेरेंट्स, भाई-बहन आदि की डेथ होने की स्थिति में स्टूडेंट को डेथ के दिन से दस दिन तक लेक्चर से छूट मिलती थी। अब इस नियम में भी बदलाव कर दिया गया है। स्टूडेंट्स को अब केवल पांच दिन के लेक्चर में छूट मिलेगी। 

विभागाध्यक्ष करेंगे मेडिकल सर्टिफिकेट को वेरीफाई 

जानकारी अनुसार पीयू डीयूआई की ओर से सभी विभागों को जारी निर्देश में कहा गया है कि जो भी स्टूडेंट मेडिकल सर्टिफिकेट जमा करेगा। उसे अब चेयरपर्सन को वेरीफाई करना होगा। चेयरपर्सन की अनुमति के बाद ही स्टूडेंट्स को लेक्चर का लाभ मिल सकेगा। सूत्रों के अनुसार पीयू के विभागों में स्टूडेंट्स द्वारा काफी फर्जी मेडिकल जमा करने के मामले सामने आ चुके हैैं। इसके बाद पिछली सिंडीकेट में पंजाब यूनिवर्सिटी प्रशासन ने नए नियमों के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी। 

रक्तदान पर मिलेगी लेक्चर छूट

पीयू प्रशासन स्टूडेंट्स को यूथ फेस्टिवल, स्टेट,नेशनल और इंटरनेशनल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने वाले स्टूडेंट्स को लेक्चर की छूट देता है। नय नियमों में रक्तदान करने वाले स्टूडेंट्स को भी लेक्चर में छूट दिए जाने का प्रोविजन किया गया है। इसके लिए स्टूडेंट को संबंधित विभाग में रक्तदान का सर्टिफिकेट देना होगा। रक्तादान सर्टिफिकेट का लाभ केवल चालू एकेडमिक सत्र में ही मिल सकेगा। 

पीयू ने फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट पर लगाई रोक 

बीते वर्षों में पंजाब यूनिवर्सिटी में लेक्चर की भरपाई के लिए स्टूडेंट्स की ओर से फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट का खेल चलता था। हालांकि बीते दो वर्षों से पीयू प्रशासन ने इस पर सख्ती की है। पीयू स्थित डिस्पेंसरी में एग्जाम से पहले 500 से 700 मेडिकल सर्टिफिकेट वेरीफिकेशन के लिए आ जाते थे। इनमें से काफी फर्जी तरीके से बनवाए गए होते थे। मामले को लेकर पीयू वीसी द्वारा जांच कमेटी भी बिठाई गई। जिसके बाद फर्जी मेडिकल के केस काफी कम हो गए। पीयू के यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ लीगल स्टडी, तीन वर्षीय लॉ, यूआईईटी जैसे विभागों से सबसे अधिक मेडिकल सर्टिफिकेट जमा होते हैं। 

हर साल परीक्षा से पहले मेडिकल के आधार पर लेक्चर से छूट को लेकर काफी असमंजस की स्थिति रहती थी। अब हमने करीब एक महीना पहले ही सभी विभागाध्यक्षों को पत्र भेजकर इस बारे में स्पष्ट जानकारी दे दी है। किसी भी स्टूडेट को अब परीक्षा से कुछ घंटे पहले रोल नंबर के लिए भागदौड़ नहीं करनी होगी। अटेंडेंस से छूट को लेकर पीयू प्रशासन पूरी तरह नियमों को फोलो करेगा। 

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