लोगों को अपनी जान जोखिम में डालना मंजूर है, लेकिन सुधरना मंजूर नहीं

DNA में अगले विश्लेषण से पहले हम आपको आज से करीब 25 दिन पुरानी कुछ तस्वीरें दिखाना चाहते हैं. क्योंकि हमारे अगले विश्लेषण का इन तस्वीरों से बहुत गहरा संबंध है. 

ये तस्वीरें पिछले महीने की 19 तारीख की हैं. जगह थी अमृतसर और मौका था दशहरे पर रावण दहन का. लोग रेलवे ट्रैक पर खड़े होकर रावण दहन देख रहे थे, तभी ट्रेन आई और 62 लोग मारे गए. इस हादसे के बाद आरोप-प्रत्यारोप का एक लंबा दौर चला था. कई तरह की बातें हुई थीं, लेकिन सिर्फ 25 दिनों में ही स्थिति पहले जैसी ही हो गई. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, ये समझने के लिए आप एक नया वीडियो देखिए.

ये भी पंजाब की ही तस्वीरें हैं. जगह है बठिंडा और मौका दशहरे का नहीं बल्कि छठ पूजा का है. ये 13 नवंबर की शाम की तस्वीरें हैं. जहां लोग बठिंडा की सरहंद नहर के किनारे छठ मना रहे थे. कई लोग इस व्यस्त रेलवे ट्रैक के ऊपर खड़े होकर छठ देख रहे थे. ट्रेन आ जा रही थी, लेकिन लोगों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. छठ खत्म होने के बाद लोग इसी रेलवे ट्रैक से अपने घर भी जा रहे थे. ऐसा नहीं है कि यहां कोई दूसरा रास्ता नहीं था. इसी रेलवे ट्रैक के नीचे एक सड़क है. लेकिन इस सड़क का रास्ता थोड़ा लंबा है, इसलिए लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर रेलवे ट्रैक वाला शॉर्टकट रास्ता अपनाया. 

अगर स्कूली किताबों में ये सवाल पूछा जाएगा कि भारत में रेलवे ट्रैक किस काम आता है, तो इन तस्वीरों को देखने के बाद बच्चे यही लिखेंगे कि रेलवे ट्रैक छठ और दशहरा जैसे त्योहार मनाने के काम आता है. लोगों को अपनी जान जोखिम में डालना मंज़ूर है, लेकिन वो सुधरने को तैयार नहीं हैं. ये लोगों की अनैतिक सोच की तस्वीरें हैं. अगर बठिंडा के ये लोग चाहते तो आराम से सड़क वाले रास्ते से अपने घर जा सकते थे. लेकिन सिर्फ थोड़ा सा समय बचाने के लिए इन लोगों को खुद की और अपने परिवार की जान खतरे में डाल दी.

भारत के लोगों की इस अनैतिक सोच के दर्शन देश के हर कोने में हो जाते हैं. हम आपको एक और वीडियो दिखाना चाहते हैं. इस वीडियो में एक Train, रेल की पटरी पर खड़े होकर आगे जाने के लिए लोगों से मिन्नतें कर रही है. Horn बजा रही है. लेकिन रेलवे क्रॉसिंग को खेल का मैदान समझने वाले लापरवाह लोगों को, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. वो फाटक के एक तरफ से दूसरी तरफ आते-जाते रहते हैं. और Train इंतज़ार करती रहती है. 

भारत के लोगों की ये अनैतिक सोच किसी एक इलाके तक सीमित नहीं है. ये सिर्फ अमृतसर या बठिंडा की बात नहीं है. देश की राजधानी दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज की तस्वीरों की रिपोर्ट भी हमने आपको इसी हफ्ते दिखाई थी. 

दिल्ली का ये Signature Bridge अब एक Picnic Spot बन चुका है. हर रोज़ सैकड़ों की संख्या में लोग इसका इस्तेमाल एक तरफ से दूसरी तरफ जाने के लिए नहीं, बल्कि Selfie लेने के लिए कर रहे हैं. फिर चाहे इसके लिए ट्रैफिक के नियमों को तोड़ना पड़े. या फिर अपनी जान जोखिम में डालनी पड़े. लोगों ने इस पुल पर कूड़े का अंबार लगा दिया है.

ये भारत की जनता का चरित्र है… क्योंकि हमारे देश की सरकारें चाहे जितने ही पुल बना लें, हाईवे और एक्सप्रेस वे बना लें.. जितनी मर्ज़ी नई ट्रेन चला लें.. लेकिन हमारे देश की जनता…सभ्य आचरण से बहुत दूर है. सबसे बड़ी चुनौती ये है कि दुनिया की बड़ी से बड़ी टेक्नोलॉजी भी भारत के लोगों को सभ्य व्यवहार नहीं सिखा सकती. और ऐसा ही पंजाब के बठिंडा में भी हुआ. 

अब हम आपको दुनिया के सबसे लंबे Sea Bridge पर लेकर चलेंगे. ये पुल चीन में बनकर तैयार हो चुका है . चीन के राष्ट्रपति ने Xi Jinping ने आज इस पुल का उदघाटन कर दिया है. हमारे देश के कुछ नेता… मुंबई को शंघाई बनाने का सपना देखते भी रहे और दिखाते भी रहे लेकिन चीन एक ऐसा देश है जिसने अंसभव दिखने वाले सपने को भी सच करके दिखा दिया है . 

सबसे पहले आप इस पुल की कुछ तस्वीरें देखिए ताकि आपको इस बात का अहसास हो कि समंदर के ऊपर पुल बनाना मुश्किल तो है लेकिन असंभव नहीं . ये चीन की मज़बूत इच्छाशक्ति का उदाहरण है जिससे भारत बहुत कुछ सीख सकता है.

ये पुल चीन के Macau और HongKong को आपस में जोड़ता है . इसके निर्माण के बाद इन दोनों शहरों की दूरी 3 घंटे से घटकर सिर्फ़ आधा घंटा रह गयी है . 

इस पुल की कुल लंबाई 55 किलोमीटर है इसे तीन हिस्सों में बनाया गया है . इसके दो हिस्से समुद्र के ऊपर हैं और एक हिस्सा समंदर के अंदर सुरंग के रूप में बनाया गया है . इसकी सुरंग की लंबाई करीब 7 किलोमीटर है जबकि समंदर के ऊपर बने हिस्से की लंबाई करीब 48 किलोमीटर है.

सुरंग को बनाने की मुख्य वजह… यहां से गुज़रने वाले बड़े मालवाहक जहाज हैं . पुल बनाने पर उनके रास्ते में रूकावट पैदा हो रही थी .

इस Bridge और Tunnel के बीच दो Artificial island भी बनाये गये है . इस पूरी सड़क को बनाने में 9 साल का समय लगा है .

इस पूरे पुल के निर्माण में करीब डेढ़ लाख करोड़ रूपये की लागत आई. आपको जानकर हैरानी होगी कि भारत का मुंबई शहर हर पांच साल में इतनी ही रकम ट्रैफिक जाम में बर्बाद कर देता है . 

24 अक्टूबर से ये पुल आम लोगों के लिए खोल दिया जाएगा लेकिन इस पुल पर यात्रा करने के लिए कुछ नियम भी बनाये गये हैं. 

इस पुल पर हर रोज़ सिर्फ़ 40 हज़ार वाहनों को प्रवेश की अनुमति है . यानी पुल पर प्रवेश करने से पहले आपको वहां की Local Authorities से अनुमति लेनी होगी . 

अगर आपको अनुमति नहीं मिलती है तो आप Bus के ज़रिए दोनों शहरों के बीच यात्रा कर सकते हैं.

Hong Kong दुनिया के सबसे बड़े व्यावसायिक शहरों में से एक है . यानी व्यापार की दृष्टि से ये इलाका चीन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए दोनों शहरों की दूरी कम करने लिए दुनिया के सबसे लंबे Sea Bridge का निर्माण किया गया है.

वैसे नोट करने वाली बात ये भी है कि दुनिया के 6 सबसे लंबे पुल, चीन में ही बनाए गये हैं . अपनी मज़बूत इच्छाशक्ति के दम पर चीन…. निर्माण से जुड़े कमाल करता रहता है . भारत चाहे तो आज चीन की इच्छाशक्ति से सबक ले सकता है . 

भारत के लोगों के चरित्र और उनकी हरकतों की वजह से पूरी दुनिया में उनकी बदनामी होती है. और विदेशी लोगों को भारत का अपमान करने का मौका मिल जाता है. हमारी अगली ख़बर एक ऐसे ही अपमान से जुड़ी है.

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