ब्रेक्जिट समझौते के लिए थेरेसा मे को मिला कैबिनेट का साथ
ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने (14 नवंबर) को कहा कि यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट समझौते पर बने गतिरोध के संबंध में अपने कैबिनेट सहयोगियों से घंटों की बातचीत के बाद अब उन्हें सभी का साथ मिल गया है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री निवास 10 डाउनिंग स्ट्रीट पर करीब पांच घंटे चली बैठक के बाद एक बयान में थेरेसा मे ने कैबिनेट के साथ को ऐसा निर्णायक कदम बताया जो यूरोपीय संघ के साथ ब्रेक्जिट वार्ता को आगे बढ़ाने तथा ब्रिटेन के हित में समझौता करने की दिशा में देश को आगे बढ़ने में सक्षम बनाएगा.
मे ने कहा कि उनके और उनकी टीम के बीच लंबी और विस्तृत बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने मौजूदा स्वरूप में ही ब्रेक्जिट समझौते पर आगे बढ़ने का फैसला लिया. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘मैं दिलो-दिमाग से इसपर यकीन करती हूं कि यह पूरे ब्रिटेन के हित में है. कैबिनेट में ब्रेक्जिट को लेकर एकमत नहीं होने के कारण पिछले कुछ सप्ताह से लगातार अटकलें लगाई जा रही थीं.
एएफपी की खबर के अनुसार, ब्रसेल्स में यूरोपीय संघ और ब्रिटिश सरकार ने संयुक्त रूप से बुधवार को 585 पन्नों का ब्रेक्जिट समझौते का मसौदा प्रकाशित किया.
आपको बता दें कि ईयू से औपचारिक रूप से ब्रिटेन के अलग होने में अब पांच महीने ही बचे हैं. अगले साल 29 मार्च को ब्रिटेन को पूरी तरह से ईयू से अलग होना है. लेकिन वार्ताकार अभी ब्रिटेन प्रशासित उत्तरी आयरलैंड और ईयू के सदस्य आयरलैंड के बीच सीमा के निर्धारण के लिए बैक अप योजना को लेकर ही उलझे हुए हैं.ब्रेक्जिट के मुद्दे पर सरकार को समर्थन देने वाली उत्तरी आयरलैंड की डेमोक्रेटिक यूनियनिस्ट पार्टी (डीयूपी) ने ब्रेक्जिट समझौते पर थेरेसा मे सरकार की बातचीत को विश्वासघात करार दिया है. डीयूपी ने साफ कर दिया है कि वह ब्रिटेन को विभाजित करने वाले किसी भी समझौते का समर्थन नहीं करेगी.
जॉनसन ने थेरेसा मे पर सीधा आरोप लगाते हुए यहां तक कहा था कि पूर्व में हुए समझौते से देश गुलामी की अवस्था में चला जाएगा और देश में अफरा तफरी मच जाएगी. जूनियर परिवहन मंत्री रहे जॉनसन ने पद से त्यागपत्र देने के बाद कहा कि ब्रिटेन दूसरे विश्व युद्ध के बाद सबसे बड़े संकट के मुहाने पर खड़ा है. जॉनसन ने 2016 में ब्रिटेन के यूरोपीय यूनियन से अलग होने के खिलाफ वोट किया था. वहीं, ब्रेक्जिट समझौते में उत्तरी आयरलैंड के बीच सीमा खींचने की खबरों पर डीयूपी ने प्रधानमंत्री मे को सख्त चेतावनी दी है. उनका यहां तक कहना है कि कुछ और भी ब्रेक्जिट योजना से बाहर होने के बारे में सक्रियता से विचार कर रहे हैं.