तेज प्रताप का तलाक: लालू के लाल ने उपवास रखकर की गोवर्धन परिक्रमा, तबीयत बिगड़ी

 माता-पिता एवं परिवार की इच्छा-अपेक्षा से अलग पत्नी ऐश्वर्या राय से तलाक लेने पर अड़े राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के ज्येष्ठ पुत्र तेज प्रताप यादव ने बिना खाए-पिए गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की, जिससे उनकी तबीयत बिगड़ गई है। वृन्दावन के लोगों और पुजारियों ने तेज प्रताप को बता रखा है कार्तिक महीने में जो कोई भी गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करता है उसकी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। कहा जा रहा है कि वे सभी धामों की यात्रा पूरी करने के बाद ही पटना लौटेंगे। 

विदित हो कि तेज प्रताप यादव ने पत्‍नी ऐश्‍वर्या राय से तलाक के लिए पटना के परिवार न्‍यायालय में अर्जी दायर की है। इस मामले में पूरा परिवार उनके फैसले के खिलाफ है। परिजन उन्‍हें समझाने की कोशिश में हैं। इससे नाराज होकर वे तीर्थों की खाक छान रहे हैं। इसी क्रम में उन्‍होंने गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा की है। 

पैदल पूरी की 21 किमी की मुश्किल यात्रा 
कार्तिक महीने में गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करने से मनोकामनाएं पूरी होतीं हैं, इस धारणा ने तेज प्रताप को इतना संबल दिया कि उन्‍होंने 21 किमी से अधिक की मुश्किल यात्रा को पैदल पूरा किया। ऊबड़-खाबड़ रास्ते पर वे साढ़े पांच घंटे नंगे पैर चले। धर्म निरपेक्ष सेवक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभिनंदन यादव और यदुवंशी सेना के प्रमुख लवकुश यादव समेत कुछ करीबी मित्रों की टोली ने उनका साथ दिया। 

पूरे रास्‍ते कुछ भी खाया-पिया नहीं 
यात्रा के दौरान तेज प्रताप भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति में इतने तल्लीन हो गए कि रास्ते में कुछ खाया-पिया भी नहीं। श्याम कुंड और राधा कुंड में स्नान करके शाम करीब सात बजे से यात्रा की शुरुआत हुई जो देर रात करीब एक बजे के बाद खत्म हुई। वापसी में भी तेज प्रताप एवं उनके मित्रों ने श्याम कुंड और राधा कुंड में स्नान किया। उसके बाद ही आश्रम लौटे। 

आगे चार धाम की यात्रा पर निकलेंगे तेज प्रताप 
देर रात नंगे पांव की लंबी यात्रा ने तेज प्रताप को बुरी तरह थका दिया था। पैर में सूजन आ गई। इसके चलते आगे का कार्यक्रम अभी तय नही हुआ है। अगर सेहत ने साथ दिया तो वे चार में से किसी एक धाम की यात्रा पर निकल सकते हैं। तेज प्रताप ने वृन्दावन में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा स्थापित चार धामों में से एक बद्रीनाथ धाम की यात्रा पूरी कर ली है। अभी तीन धामों की यात्रा शेष है। तेज प्रताप के तेवर को देखकर माना जा रहा है कि जब तक वे सभी धामों की यात्रा पूरी नही कर लेंगे, तबतक पटना लौटने के बारे में सोचेंगे भी नही। 

सियासत की चिंता नहीं, अभी धर्म-कर्म प्राथमिकता 
तेज प्रताप अभी आस्था के कुंड में डुबकी लगा रहे हैं। बिहार की सियासत में क्या चल रहा है, लालू परिवार के बारे में विरोधी दल के लोग क्या कह रहे हैं, इसके बारे में सोचने के लिए उनके पास अभी वक्त नही है। अभी उनकी प्राथमितकता धर्म-कर्म है। हां, पिता की सेहत की चिंता उन्हें कभी कभी विचलित जरूर कर देती है।

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