कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के रुख से रुपये में आया इतने पैसे का उछाल

 वैश्विक बाजार में कच्चे तेल के भाव गिरने से शुक्रवार को डॉलर की बिकवाली बढ़ गई थी जिससे रुपये की विनिमय दर 50 पैसे के उछाल का प्रति डॉलर 72.50 पर आ गई. अमेरिका के मध्यावधि चुनाव में प्रतिनिधि सभा में बहुमत सत्तारूढ रिपब्लिकन पार्टी से खिसक विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर जाने से वैश्वि मुद्राओं आगे डॉलर नरम हो हो गया था. अमेरिकी फेडल रिजर्व द्वारा दिसंबर में ब्याज दर बढ़ाने के संकेत से डॉलर में सुधार हुआ. बाजार सूत्रों ने कहा कि कुछ प्रमुख विदेशी मुद्राओं की तुलना में डॉलर के कमजोर होने तथा निर्यातकों एवं बैंकों की डॉलर बिकवाली के समर्थन से रुपये में तेजी आई. 

अन्तरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपया 72.68 पर मजबूत खुला. कारोबार दौरान निर्यातकों की ओर से डॉलर की बिकवाली के जोर से यह 72.45 रुपये प्रति डॉलर तक मजबूत हो गया. हालांकि, बाद में रुपये की विनिमय दर की तेजी थोड़ी कम हो गयी और यह अंत में 50 पैसे की तेजी के साथ प्रति डॉलर 72.50 रुपये पर रुकी. मंगलवार को रुपया 12 पैसे सुधर कर प्रति डॉलर 73 पर बंद हुआ था. विदेशी विनिमय बाजार बुधवार और गुरुवार को क्रमश: दिवाली और बलीप्रतिपदा के मौके पर बंद रहा. बंबई शेयर बाजार का 30 शेयरों पर आधारित सूचकांक 79.13 अंक अथवा 0.22 प्रतिशत की हानि के साथ 35,158.55 अंक पर बंद हुआ. 

कच्चा तेल के प्रमुख उत्पादक देशों की अबु धाबी में प्रस्तावित बैठक से पहले शुक्रवार को कच्चा तेल 70 डॉलर प्रति बैरल के स्तर के नीचे आ गया. यह सात महीने का निचला स्तर है. लंदन में सुबह के सौदों में जनवरी डिलीवरी के लिये ब्रेंट क्रूड (उत्तरी सागर) गिरकर 69.13 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. अप्रैल 2018 के बाद पहली बार 70 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से नीचे आया है. न्यूयॉर्क में दिसंबर का वेस्ट टेक्सास इंटरमीडियेट गिरकर फरवरी के बाद के निचले स्तर 59.28 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. यह गिरावट ऐसे समय आयी है जब तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक और गैर-ओपेक प्रमुख कच्चा तेल उत्पादक देश कीमतों में गिरावट के मद्देनजर उत्पादन में संभावित कटौती को लेकर रविवार को अबु धाबी में बैठक करने वाले हैं.

कच्चा तेल पिछले महीने चार साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया था. उत्पादन बढ़ने, चीन की आर्थिक वृद्धि सुस्त पड़ने और ईरान पर प्रतिबंध के असर की चिंताएं नरम पड़ने से कच्चा तेल के भाव गिरे हैं. अमेरिका में भंडार बढ़ने के संकेत से भी कच्चा तेल नरम पड़ा है. अमेरिका ने इस सप्ताह ईरान पर प्रतिबंध से चीन, भारत और जापान समेत आठ देशों को छूट देने का निर्णय लिया. इससे भी कीमतें आसान हुई हैं.

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