चीन ने लॉन्च किया दुनिया का सबसे लंबा पुल, जानिए क्या है इसकी खास बातें
चीन-हांगकांग के बीच बना दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल को खोलने की घोषणा हो चुकी है। बुधवार यानि 24 अक्टूबर को इसे आम जनता के लिए खोल दिया जाएगा। रिपोर्ट्स के अनुसार चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को इस पुल को लॉन्च कर दिया।
एक विशेष आयोजन ने जिनपिंग ने इस पुल के खुलने की घोषणा की। झुहाई के दक्षिणी मैनलैंड शहर के न्यू पोर्ट टर्मिनल में आयोजित इस कार्यक्रम में हांगकांग के मकाऊ शहर के नेता भी शामिल हुए। जैसे ही जिनपिंग ने कहा कि मैं इस पुल के आधिकारिक रूप से खुलने की घोषणा करता हूं, धमाकेदार आतिशबाजी होने लगी।
55 किमी लंबा, केबल ब्रिज और टनल से जोड़ता है शहरों को
55 किलोमीटर लंबे इस पुल का नाम हांगकांग-झुहैइ-मकाउ है। पर्ल रिवर ईस्टूरी पर स्थित बने इस पुल का निर्माण दिसंबर 2009 में शुरू हुआ था।
इसके बनने के बाद हांगकांग और चीन के झुहैइ शहर के बीच की दूरी तीन घंटे से घटकर 30 मिनट रह जाएगी। स्थानीय अखबार के मुताबिक, हांगकांग के सांसदों ने कहा कि यह पुल हांगकांग अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को सीधा जोड़ता है।
यह पुल पर्ल रिवर एस्चुरी के लिंगदिंग्यांग जल क्षेत्र में स्थित है। 20 अरब डॉलर (लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये) की इस परियोजना को 9 साल में पूरा किया गया है।
पुल के निर्माण में चार लाख टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है, जो 60 एफिल टावर्स बनाने के लिए पर्याप्त होगा। तीन तारों की सीरीज से इस पुल को तैयार किया गया है। इसमें पानी के नीचे बनी 6.7 किलोमीटर लंबी सुरंग का निर्माण भी किया गया जो दो कृत्रिम द्वीपों को जोड़ती है।
इस पुल में डुअल थ्री लेन है, जो समुद्र के ऊपर 22.9 किलोमीटर है जबकि 6.7 किलोमीटर समुद्र के नीचे सुरंगनुमा शक्ल में है। इसकी गहराई 44 मीटर तक है। पुल का बाकी हिस्सा जमीन पर बना है। सुरंग के दोनों तरफ दो कृत्रिम द्वीप हैं। ये दोनों 10 लाख वर्ग फुट के ज्यादा इलाके में बने हैं।
इस पुल के निर्माण में जो स्टील लगा है वो भूकंप रोधी है और उस पर रिक्टर स्कैल पर 8 की तीव्रता वाले भूकंप का भी कोई असर नहीं होगा।