
मैनपुरी के गांव जगरूपुर में शनिवार सुबह कूड़ा डालने के विवाद में सरकारी शिक्षक की फायरिंग से योगेंद्र सिंह (35) की माैके पर माैत हो गई। फायरिंग में युवक के ताऊ राम सिंह, भतीजा विनय और भतीजी शिखा घायल हो गए। घटना के बाद आरोपी शिक्षक, उसका कासगंज जनपद में तैनात आरक्षी भाई और पिता माैके से भाग गए। फायरिंग और हत्या से आक्रोशित ग्रामीण और परिजन ने सूचना पर पहुंची पुलिस को तीन घंटे तक शव उठाने नहीं दिया। बाद में एसपी और भाजपा जिलाध्यक्ष के सख्त कार्रवाई का आश्वासन देने पर परिजन माने। शव को पोस्टमार्टम हाउस भेजा। वहीं, गंभीर रूप से घायल विनय को जिला अस्पताल से मेडिकल काॅलेज सैफई रेफर कर दिया। पुलिस ने मृतक की पत्नी की तहरीर पर पांच लोगों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
कोतवाली क्षेत्र के गांव जगरूपुर निवासी योगेंद्र के मकान पर शनिवार सुबह पड़ोस में रहने वाले सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी भूदेव सिंह लाठी लेकर आ गए। आरोप है कि भूदेव ने गाड़ी खड़ी करने वाली जगह पर कूड़ा पड़ा होने पर गाली-गलाैज शुरू कर दी। योगेंद्र ने झगड़े को टालते हुए कूड़ा हटाने की बात कहते हुए सफाई कर दी। बावजूद इसके भूदेव और उसके दोनों बेटे शिक्षक अवनीश सिंह और कासगंज में तैनात आरक्षी अजीत उर्फ जीतू मारपीट पर उतारू हो गए। थोड़ी ही देर में कूड़े के विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया। झगड़े से बाैखलाया शिक्षक घर से अपनी रिपीटर बंदूक लेकर आ गया और फायरिंग शुरू कर दी। करीब चार से पांच राउंड हुई फायरिंग में दो गोलियां लगने से योगेंद्र की माैके पर ही माैत हो गई। योगेंद्र को बचाने के दाैरान ताऊ राम सिंह, भतीजा विनय और भतीजी शिखा घायल हो गए। घटना के बाद आरोपी माैके से भाग गए। वहीं, गंभीर रूप से घायल विनय को परिजन ने जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां से मेडिकल काॅलेज सैफई रेफर किया गया।