
यमुना में आई बाढ़ से शनिवार को तटवर्ती क्षेत्रों के 517 परिवार बेघर हो गए। कैलाश से लेकर बल्केश्वर, मोती महल और नगला पैमा तक लोगों के घरों में पानी भर गया है। घरों में खाने-पीने से लेकर कपड़े, विद्युत उपकरण, फर्नीचर व अन्य सामान डूब गया। वॉटर वर्क्स पर यमुना का जलस्तर शनिवार शाम पांच बजे 499.2 फीट था, जो बाढ़ के निशान (499 फीट) से ऊपर था।
निचले इलाकों में करीब 50 हजार से अधिक आबादी के प्रभावित होने की आशंका है। जिला प्रशासन की रिपोर्ट के अनुसार 2000 लोगों को बाढ़ राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा चुकी है। कैलाश गांव में 15 घरों में दो से तीन फीट पानी भरा है। 50 से अधिक लोग घर छोड़कर अपने रिश्तेदारों के यहां शरण ले चुके हैं। मोती महल में करीब 250 घर बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं। इन घरों में रहने वाले एक हजार से अधिक लोगों को प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर में शरण लेने के लिए कहा है।
बल्केश्वर के अनुराग नगर, जीवनी मंडी में कृष्णा नगर में रास्ते डूब गए हैं। मेहरा नहारगंज का संपर्क जिला मुख्यालय से कट चुका है। यहां 40 परिवार विस्थापित हुए हैं। ताजमहल के पीछे नगला पैमा स्थित गढ़ी बंगस में 10 घरों में पानी भर चुका है।
बाढ़ राहत शिविरों में नहीं जा रहे विस्थापित
नगर निगम और प्रशासन ने शहरी सीमा क्षेत्र में 17 बाढ़ राहत शिविर बनाए हैं जिनमें करीब 1500 लोगों के रहने का इंतजाम है। इसके अलावा बल्केश्वर आईटीआई में बने अस्थायी शिविर में 500 लोग रह सकेंगे। हालांकि, बाढ़ प्रभावित लोग राहत शिविरों में शरण लेने के बजाय अपने रिश्तेदारों के घर जा रहे हैं। डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि बाढ़ राहत शिविर में भोजन आदि की व्यवस्थाएं की गई हैं।
दो दिन और बढ़ेगा यमुना का जलस्तर
बाढ़ नियंत्रण कक्ष की रिपोर्ट के अनुसार अगले दो दिन यमुना के जलस्तर में वृद्धि होगी। शनिवार शाम पांच बजे मथुरा स्थित गोकुल बैराज से आगरा की तरफ 1.39 लाख क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया। यह 24 घंटे में आगरा पहुंच जाएगा। इसके अलावा ओखला बैराज से शनिवार को 1.92 लाख क्यूसेक और हथिनीकुंड बैराज से 48713 क्यूसेक पानी यमुना में आ रहा है।
इन इलाकों में बाढ़ का अधिक खतरा
कैलाश के अलावा बूढ़ी का नगला, दयालबाग में अमर विहार, बल्केश्वर में अनुराग नगर, कृष्णा नगर, मोती महल, टेढ़ी बगिया, रामबाग बस्ती, कटरा वजीर खां, बुर्ज, नगला छीतर, मेहरा नहारगंज, महल बादशाही, नगला तल्फी, नगला पैमा, शाहिदपुर, वीरपुरा, पारौली, बिचौला, गिदरौन, नगला धीमर, बुढ़ाना, रहनकलां, नगला कटा और ट्रांस यमुना क्षेत्र में यमुना किनारे की बस्तियों में बाढ़ का अधिक खतरा है। इन क्षेत्रों में यमुना का पानी घुस रहा है।