‘फ्री बलूचिस्तान’ के बाद अब ‘फ्री कराची’ कैंपेन से उड़े पाकिस्तान के होश

पाकिस्‍तान के बुरे दिन यूं तो काफी समय से शुरू हो रखे हैं लेकिन अब हालात धीरे-धीरे बेहद खराब हो चले हैं। अंदरुणी हालातों से जूझ रहे पाकिस्‍तान को विदेश में रह रहे पाकिस्‍तानी भी अब चुनौती दे रहे हैं। इसका ही नतीजा है ‘फ्री कराची कैंपेन’। इस कैंपेन से पाकिस्‍तान न सिर्फ अंदर तक हिल गया है बल्कि उसकी बौखलाहट भी अब साफतौर पर दिखाई देने लगी है। फ्री कराची कैंपेन को लेकर यह बौखलाहट इसलिए भी है क्‍योंकि इसका एक फुल पेज विज्ञापन वाशिंगटन टाइम्‍स के पहले पेज पर छपा था। इतना ही नहीं इस तरह की कैंपेन के पोस्‍टर्स लंदन से लेकर जिनेवा तक दिखाई दिए हैं।

'फ्री बलूचिस्तान' के बाद अब 'फ्री कराची' कैंपेन से उड़े पाकिस्तान के होश

अमेरिकी सांसद भी मुहिम में शामिल

इतना ही नहीं अमेरिका में मुहाजिरों द्वारा शुरू किए गए फ्री कराची मुहिम में एक अमेरिकी सांसद भी शामिल हुए। यह आंदोलन पाकिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ छेड़ा गया है। अमेरिकी सांसद ने ट्रंप प्रशासन से कराची में मुहाजिरों के खिलाफ चलाए जा रहे मानवाधिकार दमन रोकने में हस्तक्षेप करने की मांग की है। सांसद टॉम ग्रेट ने एक बयान जारी कर कहा है, ‘राष्ट्रपति ट्रंप का पाकिस्तान की मदद निलंबित करने का फैसला उनके नेतृत्व का एक स्पष्ट संकेत है। अमेरिका का सहयोगी बने रहने के लिए पाकिस्तान को आतंकवाद का पूरी तरह से उन्मूलन करना होगा। सबसे महत्वपूर्ण कराची में मुहाजिरों, बलूच, पख्तून एवं अन्य अल्पसंख्यक समुदायों को सेना, अर्धसैनिक एवं खुफिया विभाग द्वारा किया जा रहा दमन बंद होना चाहिए।’ सदन की विदेशी मामलों की समिति के सदस्य सांसद ग्रेट की यह टिप्पणी वाशिंगटन टाइम्स में प्रकाशित हुई है।

कई मोर्चों पर परेशानी से घिरा है पाकिस्‍तान

यहां आपको बता दें कि पाकिस्‍तान को कई मोर्चों पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। बलूचिस्‍तान को लेकर देश और दुनिया में हो रहे विरोध प्रदर्शनों ने पहले ही उसकी छवि को बर्बाद कर दिया है। इसके अलावा अमेरिका द्वारा आतंकवाद के खात्‍मे के नाम पर दी जाने वाली सहायता रद करने और इसके बाद पाकिस्‍तान को धोखेबाज देश बताने पर भी पाकिस्‍तान की पूरे विश्‍व में काफी किरकिरी हुई है। दूसरी तरफ देश के अंदर अस्थिर होते राजनीतिक हालात और सत्ता की गोद में बैठे आतंकियों के खिलाफ उठती आवाज से भी उसकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसके अलावा अफगानिस्‍तान के मोर्चे पर भी पाकिस्‍तान की हालत बेहद खराब है।

विज्ञापन पर पाकिस्‍तान की नाराजगी

फ्री कराची के विज्ञापन को लेकर अमेरिका स्थित पाकिस्‍तान के राजदूत ने कड़ी नाराजगी जताते हुए इसको अमेरिकी विदेश विभाग के समक्ष उठाया है। उनके मुताबिक अमेरिका ने कहा है कि वह पाकिस्‍तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का पूरा सम्‍मान करता है। उनके मुताबिक इसी तरह का आश्‍वासन अमेरिका के वरिष्‍ठ अधिकारी ने पाकिस्‍तान दौरे पर भी दिया है। यहां पर आपको बता दें कि न्‍यूयॉर्क की सड़कों और कैब पर फ्री कराची कैंपेन को लेकर पोस्‍टर लगे हुए दिखाई दिए थे। हालांकि विरोध के बाद इन पोस्‍टर्स को हटा लिया गया था। इसके अलावा वाशिंगटन में भी इसी तरह के पोस्‍टर्स दिखाई दिए थे। पाक राजदूत की मानें तो अमेरिका ने कहा है कि वह इस तरह के किसी भी कैंपेन का समर्थन नहीं करता है। हालांकि अमेरिकी अधिकारी ने यह भी कहा है कि वह नियमों के तहत केवल अमेरिका में बोलने की आजादी के अमेरिका में जगह मुहैया करवाता है।

E-Paper