ट्रंप ने भारत को दिया एक और झटका, टैरिफ के बाद अब छह कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने का एलान किया। इतना ही नहीं उन्होंने भारत पर एक बड़ा जुर्माना भी लगाया। टैरिफ के बाद अमेरिका ने भारत को एक और बड़ा झटका दिया है।

दरअसल, अमेरिका की ट्रंप सरकार ने ईरान से तेल और पेट्रोकेमिकल उत्पादों के व्यापार में शामिल होने के आरोप में छह भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया है। बताया जा रहा है कि अमेरिका का यह कदम अधिकतम दबाव नीति का हिस्सा है। इसका उद्देश्य है कि ईरान में आर्थिक गतिविधियों को चोट पहुंचाई जा सके।

छह भारतीय कंपनियों पर ट्रंप प्रशासन का एक्शन
जानकारी दें कि अमेरिकी विदेश मंत्रालय की माने को छह भारतीय कंपनियों को कार्यकारी आदेश (ई.ओ.) 13846 के तहत प्रतिबंधित किया गया है। बताया जा रहा है कि अमेरिका का यह कार्यकारी आदेश ईरान के पेट्रोकेमिकल्स क्षेत्रों को टारगेट करता है। जानकारी दें कि ट्रंप प्रशासन ने उन देशों की कंपनियों को भी निशाना बनाया है, जो किसी न किसी तरीके से ईरानी तेल व्यापार से जुड़ी हैं।

इन देशों की कंपनियों पर भी लगा प्रतिबंध
अमेरिका के विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा गया कि भारत, संयुक्त अरब अमीरात, तुर्की और इंडोनेशिया की कई कंपनियों को ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों की बड़ी मात्रा में बिक्री और खरीद के लिए प्रतिबंधित किया जा रहा है।

वहीं, इस बयान में बताया गया है कि जैसा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा है, कोई भी देश या व्यक्ति जो ईरानी तेल या पेट्रोकेमिकल्स खरीदने का विकल्प चुनता है, वह अमेरिकी प्रतिबंधों के जोखिम में है और उसे अमेरिका के साथ व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

भारत की इन कंपनियों पर लगाया प्रतिबंध
जिन कंपनियों पर लगाए गए उनके नाम जानिए…

कंचन पॉलिमर्स: ये कंपनी यूएई-आधारित तानाइस ट्रेडिंग से फरवरी और जुलाई 2024 के बीच पॉलीइथाइलीन सहित 1.3 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।

अलकेमिकल सॉल्यूशंस: जानकारी दें कि यह एक पेट्रोकेमिकल ट्रे़डिंग कंपनी है, जिसने जनवरी और दिसंबर 2024 के बीच में कई कंपिनियों के साथ 84 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।

रमणीकलाल एस गोसालिया एंड कंपनी: इस कंपनी ने साल 2024 और 2025 के मध्य में कई कंपनियों से मेथनॉल और टोल्यूनि सहित 22 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों का आयात और खरीद की है।

जुपिटर डाई केम प्राइवेट लिमिटेड: ये कंपनी भी जनवरी 2024 और जनवरी 2025 के बीच कई कंपनियों से 49 मिलियन डॉलर से अधिक मूल्य के टोल्यूनि सहित ईरानी मूल के पेट्रोकेमिकल उत्पादों के आयात और खरीद के लिए प्रतिबंधित सूची में है।

इसके अलावा अमेरिका द्वारा ग्लोबल इंडस्ट्रियल केमिकल्स लिमिटेड और पर्सिस्टेंट पेट्रोकेम प्राइवेट लिमिटेड भी पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। बताया जाता है कि इन दोनों कंपनियों ने भी 51 मिलियन डॉलर और 14 मिलियन डॉलर से अधिक का कारोबार किया है।

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