फेमस डायरेक्टर कल्पना लाजमी पंचतत्व में विलीन, नम हुई सभी की आंखें

फिल्म प्रसिद्ध फिल्म निर्देशक-लेखक कल्पना लाजमी का पार्थिव शरीर रविवार को परिजनों, मित्रों और चाहने वालों की मौजूदगी में पंचतत्व में विलीन हो गया. लाजमी 64 साल की थीं और रविवार की सुबह उनका निधन हो गया. वह गुर्दे की बीमारी से पीड़ित थीं और उनका लीवर भी काम नहीं कर रहा था. उनके छोटे भाई देव लाजमी ने ओशिवारा शमशान घाट में अंतिम संस्कार की रस्म पूरी की.

इस मौके पर कल्पना लाजमी को अंतिम विदाई देने के लिए परिवार के सदस्य और नजदीकी दोस्त मौजूद थे. इसमें उनकी मां ललिता लाजमी भी शामिल थीं. हिंदी फिल्म जगत से अभिनेत्री शबाना आजमी, सोनी राजदान और निर्देशक श्याम बेनेगल ने लाजमी को अंतिम श्रद्धासुमन अर्पित किए. सबसे पहले पहुंचने वालों में सोनी राजदान शामिल थीं. वह उनके अंतिम संस्कार के वक्त भावुक हो गईं.

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने लाजमी के निधन पर शोक प्रकट किया है. सोनोवाल की तरफ से लाजमी के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र चढ़ाया गया. लाजमी ने पहली बार बतौर सहायक निर्देशक श्याम बेनेगल के साथ काम किया था. वह बेनेगल की भतीजी थीं. उन्होंने बेनेगल की फिल्म ‘भूमिका : द रोल’ (1977) में कास्ट्यूम डिजाइनर का काम किया था जिसमें स्मिता पाटिल, अमोल पालेकर और नसीरूद्दीन शाह ने मुख्य भूमिकाएं निभाई थीं.

लाजमी ने 1978 में ‘डी जी मूवी पायनियर’ वृत्तचित्र से बतौर निर्देशक अपना कॅरियर शुरू किया था. वह यथार्थवादी फिल्में बनाने के लिए जानी जाती थीं. उनकी फिल्में अक्सर महिलाओं पर केंद्रित रहती थीं. उनकी कुछ लोकप्रिय फिल्मों में ‘एक पल’, ‘रूदाली’, ‘दमन’, ‘दरम्यान’ और ‘चिंगारी’ शामिल है.

उनकी 1993 में आई फिल्म ‘रूदाली’ में डिंपल कपाड़िया ने मुख्य भूमिका अदा की थी जो 66वें आस्कर अवार्ड के विदेशी भाषा वर्ग में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि थी. इस फिल्म ने सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री (डिंपल कपाड़िया), सर्वश्रेष्ठ कला निर्देशक (समीर चंदा) और सर्वश्रेष्ठ कास्ट्यूम डिजाइन (सिंपल कपाड़िया) के तीन राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किए थे.

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