51 साल पहले की धोखाधड़ी, 6 साल चली सुनवाई, सीकेडी प्रधान को 5 साल की जेल

चीफ खालसा दीवान (सीकेडी) के प्रधान संतोख सिंह (80) को सीजेएम (चीफ ज्यूडीशियल मजिस्ट्रेट) आरएस बाजवा ने जमीन की धोखाधड़ी के मामले में पांच साल कैद और 40 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। इसके साथ ही अदालत ने इंद्रपाल सिंह नाम के आरोपित को पेश नहीं होने पर भगोड़ा घोषित कर दिया है। धोखाधड़ी का यह मामला 51 साल पुराना है। मामले में अदालत में छह साल सुनवाई चली।51 साल पहले की धोखाधड़ी, 6 साल चली सुनवाई, सीकेडी प्रधान को 5 साल की जेल

वकील अजय कुमार विरमानी ने बताया कि शहीद ऊधम सिंह नगर की गली नंबर 6 निवासी मोहिंदर सिंह के दादा बिशन सिंह और उनके भाई गोपाल सिंह की एयरपोर्ट रोड पर 12 कनाल, 11 मरले जमीन थी। बिसन सिंह की 1950 और गोपाल सिंह की 1940 में मौत हो गई थी।

संतोख सिंह और इंद्रपाल सिंह ने 1967 में उक्त जमीन का फर्जी एग्रीमेंट बनवा लिया और फिर जमीन पर अपना अधिकार होने का दावा करने लगे। वकील ने बताया कि 2005 में मोहिंदर सिंह को इस बारे में पता चला तो 2006 में उक्त आरोपितों के खिलाफ अदालत में सिविल सूट फाइल किया गया। इसमें 2016 में अदालत ने मोहिंदर सिंह के हक में फैसला दिया था।

इस बीच मोहिंदर सिंह ने पुलिस को शिकायत की और पुलिस ने 2009 धोखाधड़ी के आरोप में केस भी दर्ज किया था, लेकिन बाद में पुलिस ने यह कहते हुए एफआइआर खारिज कर दी कि यह सिविल केस है। मोहिंदर सिंह ने 2012 में संतोख सिंह के खिलाफ अदालत में उक्त मामले को लेकर क्रिमिनल केस की अर्जी दायर की थी। मामले में अदालत ने संतोख सिंह को मामले में दोषी मानते हुए पांच साल कैद की सजा सुनाई है।

शिक्षा का प्रचार करता है चीफ खालसा दीवान

चीफ खालसा दीवान (सीकेडी) 100 साल से भी ज्यादा पुरानी सिखों की धार्मिक संस्था है। संस्था शिक्षा का प्रचार करती है और इसके देश भर में 70 से ज्यादा शिक्षण संस्थान चल रहे हैं। इसके अलावा अस्पताल व अनाथालय भी चल रहे हैं। देश और विदेश में इसके 500 से ज्यादा सदस्य काम करते हैं।

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