कांग्रेसियों पर लाठीचार्ज ने दिलाई जोगी शासन की याद

बिलासपुर में कांग्रेस नेताओं पर लाठीचार्ज के बाद सोशल मीडिया पर जोगी शासन के लाठीचार्ज की याद ताजा हो गई है। लाठीचार्ज की निंदा में ढेरों पोस्ट हैं। लोग पुलिस की इस बर्बरता की निंदा कर रहे हैं तो भाजपा समर्थक इसके जवाब में जोगी के कार्यकाल में भाजपाइयों पर की गई लाठीचार्ज की याद दिला रहे हैं।बिलासपुर में कांग्रेस नेताओं पर लाठीचार्ज के बाद सोशल मीडिया पर जोगी शासन के लाठीचार्ज की याद ताजा हो गई है। लाठीचार्ज की निंदा में ढेरों पोस्ट हैं। लोग पुलिस की इस बर्बरता की निंदा कर रहे हैं तो भाजपा समर्थक इसके जवाब में जोगी के कार्यकाल में भाजपाइयों पर की गई लाठीचार्ज की याद दिला रहे हैं। ADVERTISING inRead invented by Teads पुलिस ने तब जो लाठीचार्ज किया था उसकी तुलना अभी की गई घटना से की जा रही है। हालांकि आम जनता इन दोनों घटनाओं की निंदा करती दिख रही है। ज्ञात हो कि 2003 में धरने पर बैठे भाजपा नेताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। VIDEO : यहां पत्थर से आती है बर्तन जैसी आवाज, हजारों सालों से बना है रहस्य व कौतूहल यह भी पढ़ें तब कांग्रेस की सरकार थी और अजीत जोगी मुख्यमंत्री थे। इस घटना में कई भाजपा नेताओं को गंभीर चोट आई थी। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय का तो पांव ही फ्रेक्चर हो गया था। मंगलवार को बिलासपुर में पुलिस ने कांग्रेस भवन में घुसकर कांग्रेस नेताओं की निर्मम पिटाई की तो 15 साल पुरानी घटना फिर से सामने आ गई। भाजपा समर्थक कह रहे हैं कि याद करो जब आपकी सरकार थी तो क्या किया था। CG: वन मंत्री को मारने की साजिश रच रहे नक्सली, खुफिया इनपुट से फोर्स चिंतित यह भी पढ़ें कांग्रेसी कह रहे कि घर में घुसकर तो नहीं मारा था। लाठीचार्ज पर चल रही बहस में यह भी कहा जा रहा है कि तब भाजपा ने इसे मुद्दा बना दिया था लेकिन कांग्रेस ठीक से मुद्दा नहीं बना पा रही है। कहा जा रहा है कि नंदकुमार साय बैशाखी लेकर प्रदेशभर में घूमे थे। उन्हें जमकर सहानुभूति मिली थी और भाजपा की सरकार बन गई थी। यह भी याद दिलाया जा रहा है कि तब लाठीचार्ज हुआ तो क्या हुआ। 15 साल से कांग्रेस सत्ता से बाहर है। अब लाठीचार्ज हुआ है तो इसके परिणाम भी सत्तापक्ष को भुगतने होंगे।

पुलिस ने तब जो लाठीचार्ज किया था उसकी तुलना अभी की गई घटना से की जा रही है। हालांकि आम जनता इन दोनों घटनाओं की निंदा करती दिख रही है। ज्ञात हो कि 2003 में धरने पर बैठे भाजपा नेताओं पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया था।

तब कांग्रेस की सरकार थी और अजीत जोगी मुख्यमंत्री थे। इस घटना में कई भाजपा नेताओं को गंभीर चोट आई थी। तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में राष्ट्रीय जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय का तो पांव ही फ्रेक्चर हो गया था।

मंगलवार को बिलासपुर में पुलिस ने कांग्रेस भवन में घुसकर कांग्रेस नेताओं की निर्मम पिटाई की तो 15 साल पुरानी घटना फिर से सामने आ गई। भाजपा समर्थक कह रहे हैं कि याद करो जब आपकी सरकार थी तो क्या किया था।

कांग्रेसी कह रहे कि घर में घुसकर तो नहीं मारा था। लाठीचार्ज पर चल रही बहस में यह भी कहा जा रहा है कि तब भाजपा ने इसे मुद्दा बना दिया था लेकिन कांग्रेस ठीक से मुद्दा नहीं बना पा रही है। कहा जा रहा है कि नंदकुमार साय बैशाखी लेकर प्रदेशभर में घूमे थे। उन्हें जमकर सहानुभूति मिली थी और भाजपा की सरकार बन गई थी।

यह भी याद दिलाया जा रहा है कि तब लाठीचार्ज हुआ तो क्या हुआ। 15 साल से कांग्रेस सत्ता से बाहर है। अब लाठीचार्ज हुआ है तो इसके परिणाम भी सत्तापक्ष को भुगतने होंगे।

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