
नई दिल्ली से लखनऊ आ रही शताब्दी एक्सप्रेस एक बड़े अग्निकांड से बच गई। यहां पर पतंग ओएचई में फंसने से शार्ट सर्किट हो गया। कानपुर-लखनऊ रूट की ओएचई लाइन में शॉट सर्किट होने से लखनऊ जा रही स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस को गंगाघाट रेलवे स्टेशन के पास आउटर पर रोक दिया गया।
देश की सबसे वीआईपी ट्रेन में शुमार शताब्दी एक्सप्रेस आज बर्निंग ट्रेन होने से बच गई। ट्रेन कानपुर निलकने के बाद उन्नाव आउटर पर पहुंची थी। इसी दौरान हादसा हो गया। कानपुर-लखनऊ रूट की ओएचई लाइन में शॉट सर्किट होने से लखनऊ जा रही स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस को गंगाघाट रेलवे स्टेशन के पास आउटर पर रोक दिया गया। ट्रेन के यात्रियों में अनहोनी की आशंका के चलते अफरा-तफरी मच गई। पतंग फंसने से ओएचई में हुए शार्ट सर्किट का पता चलते ही रूट पर दौड़ रहीं दूसरी ट्रेनों को भी जहां का तहां रोक दिया गया। आनन-फानन में एस एंड टी विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और लाइन की मरम्मत करवाते हुए करीब 12 बजे शताब्दी को रवाना करके रूट पर ट्रैफिक को सुचारु किया। इस दौरान ट्रेन करीब 18 मिनट तक खड़ी रही।
वीआईपी ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस कानपुर से लखनऊ को रनथ्रू जा रही थी। अभी ट्रेन गंगाघाट रेलवे स्टेशन के आउटर के पास ही पहुंची थी कि करीब 11 बजकर 36 मिनट पर ओएचई लाइन में पतंग और उसका मांझा फंस जाने से इसमें जोरदार स्पार्किंग हुई। यह देख लोको पायलट ने ट्रेन को रोक दिया। ट्रेन के रुकते ही रेल महकमे में हड़कंप मच गया। गंगाघाट, कानपुर, लखनऊ के अलावा दिल्ली तक के अधिकारियों के फोन घनघनाने लगे। वहीं यात्रियों में भी अफरा-तफरी का माहौल बन गया। आनन-फानन विभाग के अधिकारियों ने एसएंडटी विभाग के अधिकारियों को मौके पर भेजा। अधिकारी तुरंत मौके पर पहुंचे और पतंग फंसने से ट्रिप हुई लाइन को दुरुस्त किया। इसके बाद ट्रेन को 11 बजकर 54 मिनट पर लखनऊ की ओर रवाना किया गया।
ट्रेन के रवाना होने के बाद अधिकारियों ने राहत की सांस ली। इस दौरान डाउन लाइन की सभी ट्रेनों को कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर ही रोक दिया गया था। आरपीएफ उपनिरीक्षक डीके शर्मा ने बताया कि शताब्दी एक्सप्रेस के रुकने की सूचना पर तुरंत ही स्टाफ सहित मौके पर पहुंच गए थे। ट्रेन व यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए वहां पर स्टाफ को तैनात कर दिया गया था। ट्रेन के रवाना होने के बाद सभी वहां से वापस लौट आए।