बालिका गृह कांड: SC से आज मीडिया कवरेज पर जारी हो सकती है गाइडलाइन

मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। संभावना जतायी जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर भी गाइडलाइन कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को रद कर दिया था, जिसमें नई जांच टीम बनाने की बात कही गई थी। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। संभावना जतायी जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर भी गाइडलाइन कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को रद कर दिया था, जिसमें नई जांच टीम बनाने की बात कही गई थी।   मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को हुई सुनवाई में सवाल किया था कि मामले की जांच के लिए नई टीम बनाने का कोई औचित्य नहीं है, इससे जांच भी प्रभावित हो सकती है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।  वहीं बालिका गृह कांड मामले में सीबीआइ की जांच की मॉनिटरिंग पटना हाइकोर्ट के जिम्मे है। पटना हाइकोर्ट ने मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था और कहा था कि इससे जांच प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। इसके बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर आज कोर्ट गाइडलाइन जारी कर सकती है।   बिहार: अपराधियों ने भाजपा नेता के शोरूम पर की अंधाधुंध फायरिंग, एक की मौत यह भी पढ़ें गौरतलब है कि टिस की अॉडिट रिपोर्ट से मुजफ्फरपुर बालिका गृह में चालीस बच्चियों और महिलाओं के साथ हुए यौन शोषण के मामले का खुलासा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं इस मामले के खुलासे के बाद बिहार की तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा भी देना पड़ा था।मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौनशोषण मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज फिर सुनवाई होगी। संभावना जतायी जा रही है कि सुप्रीम कोर्ट आज इस मामले में मीडिया रिपोर्टिंग पर भी गाइडलाइन कर सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई में पटना हाईकोर्ट के उस आदेश को रद कर दिया था, जिसमें नई जांच टीम बनाने की बात कही गई थी।   मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को हुई सुनवाई में सवाल किया था कि मामले की जांच के लिए नई टीम बनाने का कोई औचित्य नहीं है, इससे जांच भी प्रभावित हो सकती है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।  वहीं बालिका गृह कांड मामले में सीबीआइ की जांच की मॉनिटरिंग पटना हाइकोर्ट के जिम्मे है। पटना हाइकोर्ट ने मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था और कहा था कि इससे जांच प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। इसके बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर आज कोर्ट गाइडलाइन जारी कर सकती है।   बिहार: अपराधियों ने भाजपा नेता के शोरूम पर की अंधाधुंध फायरिंग, एक की मौत यह भी पढ़ें गौरतलब है कि टिस की अॉडिट रिपोर्ट से मुजफ्फरपुर बालिका गृह में चालीस बच्चियों और महिलाओं के साथ हुए यौन शोषण के मामले का खुलासा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं इस मामले के खुलासे के बाद बिहार की तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा भी देना पड़ा था।

मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 18 सितंबर को हुई सुनवाई में सवाल किया था कि मामले की जांच के लिए नई टीम बनाने का कोई औचित्य नहीं है, इससे जांच भी प्रभावित हो सकती है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस मदन बी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है।

वहीं बालिका गृह कांड मामले में सीबीआइ की जांच की मॉनिटरिंग पटना हाइकोर्ट के जिम्मे है। पटना हाइकोर्ट ने मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर प्रतिबंध लगा दिया था और कहा था कि इससे जांच प्रभावित होने की संभावना बनी रहती है। इसके बाद इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसपर आज कोर्ट गाइडलाइन जारी कर सकती है।

गौरतलब है कि टिस की अॉडिट रिपोर्ट से मुजफ्फरपुर बालिका गृह में चालीस बच्चियों और महिलाओं के साथ हुए यौन शोषण के मामले का खुलासा हुआ था। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वहीं इस मामले के खुलासे के बाद बिहार की तत्कालीन समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा को इस्तीफा भी देना पड़ा था।

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