आप में वापसी को छोटेपुर व धर्मवीर गांधी की शर्त- केजरीवाल पहले माफी मांगें फिर होगी बात

आम आदमी पार्टी पंजाब मे अपना डूबता जनाधार बचाने की कोश्‍ािशों में जुट गई है और इसके लिए वह तमाम प्रयास कर रही है। वह पार्टी का जनाधार वापस पाने को सुच्‍चा सिंह छोटेपुर और धर्मवीर गांधी जैसे पुराने नेताओं की वापसी में जुटी है। लेकिन, यह आसान नहीं दिख रहा और इसके लिए पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को कड़वा घूंट पीना पड़ सकता है। पुरानी नेताओं की वापसी की कवायद माफी के मामले पर आकर अटक गई है। ये नेता केजरीवाल से माफी मांगने की मांग कर रहे हैं।आप में वापसी को छोटेपुर व धर्मवीर गांधी की शर्त- केजरीवाल पहले माफी मांगें फिर होगी बात

पुराने नेताओं की वापसी के लिए केजरीवाल को पीना पड़ेगा कड़वा घूंट, माफी पर अटका मामला

ऐसे में पंजाब में आने वाले दिनों में भी आम आदमी पार्टी की स्थिति बेहतर होती नजर नहीं आ रही है। पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने अब अपने खास लोगों के सहारे पार्टी छोड़ चुके नेताओं को दोबारा पार्टी में लाने की कवायद शुरू की है। लेकिन यह कवायद  उनके गले में माफी के रूप में फंस गई है। नाराज आप नेताओं ने अपना स्टैंड स्पष्ट कर दिया है कि पहले केजरीवाल पंजाब, पंजाबियों तथा पार्टी कार्यकर्ताओं से माफी मांगें फिर आगे की बात शुरू होगी।

तीन दिन पहले पार्टी के पूर्व पंजाब प्रभारी संजय सिंह ने पटियाला से सांसद डाॅ. धर्मवीर गांधी से मुलाकात कर पार्टी में वापसी के लिए मनाने की कोशिश की थी। चार साल पहले डाॅ. गांधी को केजरीवाल ने पार्टी से निलंबित कर दिया था। दूसरी ओर, आप विधायक दल के नेता एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा व सह प्रभारी डाॅ. बलबीर सिंह ने छह नेताओं के साथ तीन दिन पहले सुच्चा सिंह छोटेपुर से भी मुलाकात कर उन्हें पार्टी में वापसी का ऑफर दिया।छोटेपुर को विधानसभा चुनाव से तीन माह पहले केजरीवाल की टीम ने दो लाख रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप लगाकर संयोजक के पद से हटा दिया था। छोटेपुर अपना पंजाब पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव लड़ा और दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर आप उम्मीदवारों को हराने में मुख्य भूमिका निभाई।

दो माह पहले सुखपाल सिंह खैहरा को नेता प्रतिपक्ष के पद से हटाने के बाद आठ विधायकों के साथ उन्‍होंने पंजाब के वर्करों के लिए खुद मुख्तियारी (फैसले लेने का अधिकार) की मांग उठा कर बगावत कर दी। खैहरा सभी जिलों में बैठकें करके नए सिरे से पंजाब आप के गठन में लगे हैं। पहले केजरीवाल की टीम ने खैहरा के खिलाफ भगवंत मान को खड़ा करने की कोशिशें की थीं।

मान ने भी तीन सप्ताह तक खैहरा की टीम से मोर्चा लिया, लेकिन मौके की नजाकत व खैहरा की रैलियों में उमड़ रही भीड़ को देख उन्होंने पीछे हटना ही मुनासिब समझा। इससे घबराए केजरीवाल ने अब पार्टी से अलग हो चुके कद्दावर नेताओं को दोबारा पार्टी में लाने की कवायद शुरू की है। लेकिन, इन नेताओं ने यह कह कर दुविधा की स्थिति खड़ी कर दी है कि केजरीवाल पहले माफी मांगें, फिर बात शुरू होगी। अब केजरीवाल के लिए पंजाब की सियासत में दोबारा घुसपैठ करने के लिए माफी ही आखिरी रास्ता बची है।

केजरी के मजीठिया से माफी मांगने का मुद्दा अब भी गरम

केजरीवाल को पता है कि एक बार फिर से माफी मांगने के बाद भी अगर हालात कंट्रोल नहीं हुए तो उनका आखिरी रास्ता भी बंद हो जाएगा। अभी तक अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया पर नशे के आरोपों को लेकर मांगी गई माफी का मुद्दा ठंडा नहीं पड़ा है। आप के कई नेताओं की जुबां पर आज भी यही सवाल है कि केजरीवाल ने माफी मांगकर कार्यकर्ताओं का सिर झुका दिया है।

केजरीवल ने खोली मान की पोल : खैहरा

सुखपाल खैहरा ने कहा कि केजरीवाल ने बीते दिन एक साक्षात्कार में भगवंत मान की पोल खोल दी है। मान ने कहा था कि मजीठिया से माफी मांगने को लेकर उनकी केजरीवाल से कोई बात नहीं हुई थी। अब  केजरीवाल ने साक्षात्कार में कहा है कि मान के साथ रोजाना उनकी 5 से 10 बार बातचीत होती है। खैहरा ने आरोप लगाया कि इसका मतलब मान भी झूठ बोलकर पंजाब को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। 

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