डिप्रेशन की ओर ढकेल सकती है बांझपन की समस्या

दुनियाभर में आज लाखों कपल्स फर्टिलिटी की समस्या से जूझ रहे हैं। एक स्टडी के मुताबिक भारत में फर्टिलिटी की दर बढ़ते समय में और गिर सकती है। ये समस्या लोगों की शारीरिक और मानसिक दोनों सेहत को प्रभावित करती है। इनफर्टिलिटी से जूझ रहे व्यक्ति में डिप्रेशन, गुस्सा, बौखलाहट जैसी कई परेशानियां देखने को मिल सकती हैं और ऐसा नहीं है कि इनफर्टिलिटी की प्रॉब्लम सिर्फ महिलाओं में ही देखने को मिलती है, बल्कि कई सारे पुरुष भी इसे झेल रहे हैं। हालांकि पुरुषों के मुकाबले महिलाओं के लिए इस स्थिति का सामना करना ज्यादा मुश्किल होता है। वो इससे जुड़े सामाजिक कलंक के लिए खुद को जिम्मेदार मानने लगती हैं। इनफर्टिलिटी के इलाज में दवाइयों के अलावा महिलाओं को मानसिक और भावनात्मक सहयोग देना भी उतना ही जरूरी है। इस बात को जानना जरूरी है। जिसमें ये उपाय साबित हो सकते हैं मददगार।

1. फैमिली, दोस्तों की मदद लें

अपनी फैमिली, दोस्तों या आस पड़ोस के ऐसे लोगों से बातचीत कर सकते हैं, जो फर्टिलिटी का इलाज करा चुके हैं या ऐसे अनुभवों से गुजर चुके हैं। ऐसे लोग आपकी भावनाओं को अच्छी तरह समझ सकते हैं और इससे होने वाली उलझनों को दूर करने में मदद भी कर सकते हैं। उनके साथ बात करके मन शांत होता है और एक सपोर्ट भी मिलता है।

2. अपने साथी से बात करें

इस सिचुएशन को डील करने में अपने साथी के साथ खुलकर बातचीत करना काफी फायदेमंद होता है। पार्टनर अगर आपकी इस स्थिति में आपके साथ है, तो इस परेशानी को हैंडल करना आसान हो जाता है।

3. ध्यान का अभ्यास करें

मेडिटेशन को अपने रूटीन में शामिल करें। इससे तनाव, चिंता, दुख, निराशा से निपटने में मदद मिलती है। नियमित तौर से ध्यान का अभ्यास इनफर्टिलिटी के इलाज के दौरान मेंटल हेल्थ को बनाए रखने में मदद करता है।

4. सेल्फ-केयर को प्राथमिकता दें

इनफर्टिलिटी के इलाज के दौरान मेंटल हेल्थ के साथ अपनी फिजिकल हेल्थ पर भी ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। बॉडी को फिट एंड एक्टिव रखने के लिए तरह-तरह की एक्सरसाइजेस को लाइफस्टाइल का हिस्सा बनाएं, लेकिन कुछ भी शुरू करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

5. इलाज के आधुनिक विकल्प तलाशें

अगर नेचुरली कंसीव करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, तो इलाज के आधुनिक विकल्पों को ट्राई करने में कोई बुराई नहीं। आज फर्टिलिटी के क्षेत्र में कई नई तकनीकें आ चुकी हैं, जो सेफ होने के साथ ही असरदार भी हैं।

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