उन्होंने कहा कि जो भी इस हादसे के जिम्मेदार हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए। माकन ने कहा कि फैक्ट्रियों में कार्यरत मजदूरों ने बताया कि उन्हें वेतन के रूप में 5000 रुपये प्रतिमाह दिए जा रहे हैं, जबकि दिल्ली सरकार द्वारा न्यूनतम वेतन 15000 है। बवाना अस्पताल में आईसीयू यूनिट भी बंद पड़ी है।