अयोध्या मामले में AIMPLB तैयार है निष्पक्ष न्याय और बराबरी पर आधारित बातचीत के लिए 

हैदराबाद: विवादित रामजन्म भूमि और बाबरी मस्जिद मामले में उच्चतम न्यायालय में अंतिम सुनवाई चलने के बीच ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी)  ने शनिवार को कहा कि वह ‘निष्पक्ष न्याय और बराबर सम्मान’ पर आधारित बातचीत के लिए तैयार है.

बोर्ड की 26वीं पूर्ण बैठक यहां शुक्रवार से चल रही है. एक बयान में कहा गया कि एआईएमपीएलबी के महासचिव मौलाना वली रहमानी ने शनिवार को बैठक को संबोधित किया और बोर्ड के पहले के रूख को दोहराया कि, ‘एक बार मस्जिद बन गई तो वह (हमेशा) मस्जिद है’. इसके साथ ही बोर्ड ‘निष्पक्ष न्याय और बराबर सम्मान’ पर आधारित बातचीत के लिए तैयार है.

एआईएमपीएलबी की कार्यकारी समिति की शुक्रवार शाम बैठक हुई थी. इसके बाद एक बयान जारी करके बोर्ड ने कहा था, ‘वह एक बार फिर शरिया के मूलभूत सिद्धांत पर जोर देते हैं कि मस्जिद को दी जा चुकी भूमि को न तो बेचा सकता है, न ही उपहार में दिया जा सकता है और न ही अंतरण किया जा सकता है.’ इससे पहले आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रवि शंकर ने मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक की थी जिसमें एआईएमपीएलबी और सुन्नी वक्फ बोर्ड के सदस्य शामिल थे.

इससे पहले 9 फरवरी को बोर्ड के कार्यकारी सदस्य सलमान नदवी ने कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ करने के लिए वहां से मस्जिद को स्थानांतरित किया जा सकता है. यह बयान उन्होंने आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर के साथ बैठक के बाद दिया था. हालांकि, बोर्ड और इसके अन्य सदस्यों ने खुद को इस बयान से दूर कर लिया था. गौरतलब है कि गुरुवार को इस विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को दो सप्ताह का समय दिया था. चीफ जस्टिस ने कहा था कि अयोध्या भावनात्मक मुद्दा नहीं है, यह जमीन से जुड़ा विषय है. मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होनी है.

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