2021 की जनगणना में पहली बार अलग से जुटाए जाएंगे ओबीसी डेटा
केंद्र सरकार 2021 की जनगणना में अलग से ओबीसी डेटा जुटाने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। अन्य पिछड़ा वर्ग की आबादी के आंकड़े जारी करने की मांग लंबे से पिछड़े नेताओं की ओर से की जाती रही है।
ऐसे में भाजपा की मोदी सरकार का यह फैसला इस दिशा में बड़ा कदम है। माना जा रहा है कि इस फैसले से मोदी सरकार 2019 के चुनाव में ओबीसी वोटर्स को साधने का प्रयास कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदी सरकार ने जनसंख्या के आंकड़ों को पूरी तरह जारी करने का समय भी 5 साल से कम करके 3 साल कर दिया है। यानी 2021 की जनगणना के पूरे आंकड़े 2024 में सामने आ जाएंगे। बता दें कि अब तक अलग से कभी भी जनगणना में अलग से ओबीसी डेटा नहीं जुटाया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक लालू प्रसाद यादव समेत तमाम ओबीसी नेता इस तरह की मांग लंबे समय से करते रहे हैं। आबादी के अनुसार आरक्षण की मांग की जाती रही है। ऐसे में इस कदम से इस मांग को एक बार फिर से बल मिल सकता है।