कांग्रेस का सवाल, भाजपा क्यों नहीं लागू करती सरना धर्म कोड

कांग्रेस ने आदिवासियों की आड़ में राज्य सरकार पर निशाना साधा है। प्रदेश अध्यक्ष डा. अजय कुमार ने पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रघुवर दास को आदिवासियों का जीवन स्तर बेहतर उठाने की चिंता नहीं है। वे आदिवासी समुदाय को बांटने की कोशिश में लगे हैं। अगर भाजपा वास्तव में आदिवासियों की हितैषी है तो उसे आदिवासियों के लिए सरना धर्म कोड लागू करना चाहिए। भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में इसका उल्लेख किया था।

केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार सत्ता में है। अगर भाजपा आदिवासियों के प्रति वास्तव में ईमानदार है तो अपने चुनावी वादे को पूरा करे। उन्होंने तंज कसा कि भाजपा की मंशा सिर्फ नफरत फैलाने की है। ये आदिवासियों को दिग्भ्रमित कर भटकाना चाहते हैं लेकिन इनकी मंशा सफल नहीं होगी। भाजपा ने आरक्षण का शिगूफा छेड़ा लेकिन इन्हें मालूम होना चाहिए कि आरक्षण का आधार धार्मिक नहीं होता। कांग्रेस आदिवासी छात्रावासों की अद्यतन स्थिति पर एक तथ्यपरक रिपोर्ट जारी करेगी। इसका जिम्मा संगठन के जनजातीय प्रकोष्ठ को दिया गया है। इसी प्रकार महिला कांग्रेस आश्रय गृहों की स्थिति पर रिपोर्ट सौंपेगी।

कहा, ये आदिवासी समाज के विरोधी हैं। सांसद रामटहल चौधरी आदिवासी समाज को शराबी बताते हैं। इसके भाजपाइयों के मानसिक स्तर का पता चलता है। प्रेस कांफ्रेंस में युवा कांग्रेस अध्यक्ष कुमार गौरव, महिला कांग्रेस अध्यक्ष गुंजन सिंह, रमा खलखो समेत अन्य नेता मौजूद थे।

सिस्टम फेल होने का किया दावा

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने दावा किया कि राज्य सरकार का सिस्टम पूरी तरह फेल है। हाई कोर्ट ने इसी माह में राज्य के समाज कल्याण विभाग को निर्देश देते हुए कहा है कि वह अविलंब रिमाड होम एवं बाल आश्रय गृहों में सभी तरह के पदों में नियुक्ति करें। ऐसा नहीं करने पर न्यायालय समाज कल्याण विभाग के सचिव का वेतन भुगतान रोक सकता है। न्यायालय की टिप्पणी यह दर्शाती है कि किस तरह से राज्य सरकार का पूरा सिस्टम फैल है। प्रदेश में रेप की घटना में बढ़ोतरी हुई है। 2018 में प्रतिमाह औसतन बलात्कार की 118 घटनाएं घट रही हैं।

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