हिंदू धर्म में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को माना जाता है बहुत ही महत्वपूर्ण..

हिंदू धर्म में माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस विशेष दिन पर पवित्र-स्नान एवं दान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा के दिन रवि पुष्य योग का निर्माण हो रहा है। इस योग को बहुत ही लाभकारी माना जाता है। शास्त्रों में बताया गया है कि रवि पुष्य योग की अवधि में चल-अचल संपत्ति, गहने इत्यादि की खरीदारी करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। ऐसे में आइए जानते हैं रवि पुष्य योग का समय और उनके कुछ उपाय।

माघ पूर्णिमा रवि पुष्य योग समय

हिंदू पंचांग के अनुसार माघ पूर्णिमा व्रत माघ शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि अर्थात 5 फरवरी 2023, रविवार के दिन रखा जाएगा। बता दें कि इस दिन रवि पुष्य योग के साथ-साथ सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। पंचांग के अनुसार रवि पुष्य योग सुबह 5 बजकर 56 मिनट से 10 बजकर 45 मिनट तक रहेगा और यही समय अवधि सर्वार्थ सिद्धि योग की भी रहेगी। शास्त्रों में बताया गया है कि रवि पुष्य योग में सोने के आभूषण, चल-अचल संपत्ति या वाहन आदि की खरीदारी करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है। इस योग में नए व्यापार या कार्य का शुभारंभ करना अभी बहुत ही लाभदायक माना जाता है।

रवि पुष्य योग में करें यह उपाय

  • ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है साधकों को रवि पुष्य योग में सोने से बने आभूषण की खरीदारी करनी चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती हैं और तिजोरी कभी खाली नहीं रहती है। आप यदि ऐसा नहीं कर सकते हैं तो घर में पड़े सभी आभूषणों पर हल्दी और चंदन लगाकर और धूप-दीप जलाकर उनकी पूजा करें। फिर उन्हें पीले कपड़े में बांधकर वापस तिजोरी में रख दें।
  • ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि रवि पुष्य योग में भगवान श्री कृष्ण की पूजा करने से और उन्हें श्रृंगार, पीतांबरी रंग के वस्त्र और पीले पुष्प अर्पित करने से संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ भगवान को बेसन या बूंदी से बने लड्डू अर्पित करें और बाल गोपाल मंत्र का पाठ अवश्य करें।
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