
जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा है कि मेरे लिए पद नहीं, मिशन बड़ा है। विचारधारा बड़ी है। इसी विचारधारा को बर्बाद करने की हो रही साजिश को नाकाम करने के एक खास मिशन से मैंने अपनी पार्टी का विलय जदयू में करने का फैसला लिया, क्योंकि हमारे सभी साथियों का निष्कर्ष था और है कि राज्य ही नहीं पूरे देश के स्तर पर नीतीश कुमार एक मात्र ऐसे कर्मठ, अनुभवी व साफ छवि के नेता हैं, जिनके नेतृत्व में इस विचारधारा को बचाया व बढ़ाया जा सकता है।
कुशवाहा ने कहा है कि मैं यह बात एलानिया तौर पर कहना चाहता हूं कि आज की तारीख में पार्टी संगठन के लिए काम करना हमारे लिए सबसे बड़ा धर्म है। ऐसे में मेरा पक्ष जाने बिना मंत्री नहीं बनने पर नाराज होने की बात करने वाले महानुभावों, मुझ पर कृपा कीजिए, प्लीज।
उन्होंने कहा है कि बिहार से बाहर होने के कारण मेरे बारे में अनेक तरह की भ्रामक एवं अनाप-शनाप खबरें प्रचारित की गई हैं और की जा रही हैं। ऐसी महानुभावों को यह मालूम होना चाहिए कि अपने पूरे राजनीतिक जीवन में कभी भी पद नहीं मिलने पर उपेंद्र कुशवाहा ने नाराजगी नहीं जताई, बल्कि कई बार अपनी नाराजगी जताने के लिए बड़े-बड़े पदों को लात जरूर मारी है।