अजमेर मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के पदाधिकारियों ने गुरुवार को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह में हाजिरी लगाकर अपने संस्थान कामयाबी के लिए दुआ मांगी

अज़मेर । गरीब नवाज फाउंडेशन की तरफ से यूनिवर्सिटी के सभी पदाधिकारियों का स्वागत किया गया। दरग़ाह के निज़ाम गेट पर हुजरा नम्बर 4 पर हाजी सैय्यद इमरान चिश्ति और सैय्यद गुलफाम चिश्ती ने इन सब का इस्तख्बाल किया और दस्तारबंदी से नवाज़ा। इस दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर जमील काज़मी ने बताया कि जोधपुर स्थित मौलाना आजाद यूनिवर्सिटी प्रदेश की इकलौती अल्पसंख्यकों के लिए विकसित की गई यूनिवर्सिटी है जहां वर्तमान में लगभग 3000 से भी ज्यादा विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं उन्होंने बताया कि यूनिवर्सिटी प्रशासन जमीनी स्तर पर काम करते हुए आर्थिक रूप से पिछड़े विद्यार्थियों को भी उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रहा है।

वही अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए भी विभिन्न तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि उन्हें भी शिक्षा से जोड़ा जा सके। इसके साथ ही महिलाओं के लिए विभिन्न प्रोग्राम भी संचालित किए जा रहे हैं। यूनिवर्सिटी में ग्रेजुएशन पोस्ट ग्रेजुएशन के साथ साथ विभिन्न विषयों में पीएचडी की सुविधा भी उपलब्ध करवाई जा रही है। संस्थान के पदाधिकारियों ने ख्वाजा साहब से संस्थान की कामयाबी के लिए विशेष रूप से दुआ मांगी है। इस मौके पर संस्था के चेयरमेन मोहम्मद अतीक अहमद ने बताया कि अक्कियतो के छात्र छात्राओं को शिक्षा मार्गदर्शन के लिए रिसर्च सेंटर भी जल्द खोला जा रहा है जिससे स्टूइडेंट को बेहद राहत मिलेगी और वो अपने भविष्य का मार्ग आसानी से तय कर सकेंगे।दरग़ाह ज़ियारत के वक़्त संस्था के मेम्बर साबिर अली भी साथ मे मौजूद रहे।

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