दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर आतंकी हमले का अलर्ट जारी, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

इंटेलिजेंस ब्यूरो ने 26 जनवरी पर आतंकी हमले का अलर्ट जारी किया है। इस संबंध में दिल्ली पुलिस से नौ पन्नों में जानकारी साझा की गई है। अलर्ट में बताया गया है कि आईएसआई के इशारे पर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स समेत कई संगठन भारत के बड़े नेताओं को टारगेट करने की साजिश रच रहे हैं।

खुफिया सूचना में यह भी कहा गया है कि खालिस्तान लिबरेशन फोर्स ने बड़े आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए सीमापार में सक्रिय आतंकी संगठनों के साथ नया गठजोड़ भी बनाया है। अलर्ट के मुताबिक, आतंकी भीड़-भाड़ वाले स्थानों में तोड़फोड़ कर सकते हैं और हमला कर सकते हैं। साथ ही यह भी कहा गया है कि आतंकी ड्रोन हमला भी कर सकते हैं।

इसमें खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के अलावा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा, रेजिस्टेंस फोर्स जैश-ए-मोहम्मद, हरकत उल मुजाहिदीन, हिजबुल मुजाहिदीन भी शामिल हो सकते हैं। इनपुट में कहा गया है कि पाकिस्तान स्थित खालिस्तानी ग्रुप अपने सदस्यों को सक्रिय कर चुका है, ताकि ये लोग पंजाब व अन्य राज्यों को निशाना बना सकें। इसके अलावा ये दिल्ली के अहम ठिकानों व प्रतिष्ठानों को भी निशाना बना सकते हैं।

सुरक्षा कड़ी की गई

खुफिया सूचना के बाद दिल्ली पुलिस ने संसद भवन के आस-पास और लाल किले के पास अभी से सुरक्षा कड़ी कर दी है। राजपथ से लेकर पूरे परेड मार्ग पर निगरानी रखने के लिए बहुमंजिला इमारतों पर शार्पशूटर और स्नाइपर तैनात किए गए हैं। चार स्तरीय सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। केवल नई दिल्ली जिले में अर्धसैन्य बल की 50 कंपनियों के साथ करीब 6000 कर्मियों की तैनाती की गई है। सभी संवेदनशील स्थानों पर गश्त बढ़ा दी गई है व व्यस्त बाजारों, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।

फरवरी 2021 में भी मिली थी सूचना

फरवरी 2021 में भी खुफिया एजेंसी से एक इनपुट मिला था, जिसमें कहा गया था कि खालिस्तानी संगठन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा और उनके कार्यक्रम में गड़बड़ी फैलाने के लिए हमले की तैयारी कर रहे हैं। इनपुट के मद्देनजर पिछले साल से ही से दिल्ली में राजपथ व लालकिले की सुरक्षा दिल्ली पुलिस ने काफी बढ़ा दी है। राजपथ को कई चरण में सुरक्षित किया जा रहा है। यहां पर 300 सीसीटीवी कैमरे और फेस रिकग्निशन सिस्टम लगाया गया है, जिससे अपराधियों और संदिग्ध लोगों की पहचान की जा सके। इस सिस्टम में 50 हजार से अधिक अपराधियों का डेटा बेस है।

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