बलरामपुर हॉस्पिटल में डॉक्टरों का नया कारनामा 

राजधानी का बलरामपुर अस्पताल मरीज़ों के इलाज को लेकर हमेशा से ही चर्चे में रहा है। आज बलरामपुर हॉस्पिटल में डॉक्टरों का नया कारनामा सामने आया जहां वार्ड नंबर दो में भर्ती दर्जन भर मरीज़ों की इंजेक्शन लगने के बाद तबियत बिगड़ने लगी। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टरों ने मरीज़ों को गलत इंजेक्शन लगाया है जिसके चलते दर्जनों मरीज़ों के तेज बुखार के साथ उल्टियां आने लगी। 

वीओ- परिवार वालों का कहना है कि आज सुबह 7 से 8 बजे के बीच सबको एक इंजेक्शन लगाया गया जिसके चलते सबकी तबियत बिगड़ गयी और सबको उल्टी आने के साथ साथ तेज़ बुखार चढ़ने लगा। लोगो का कहना है कि वहां भर्ती करीब 20 मरीजों की तबियत बिगड़ गयी है, उन सबको एमरजेंसी में ले जाया गया वहाँ से भी डॉक्टरों ने भाग दिया। एक नव युवक था 24 से 25 साल का उसकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई वो ज्यादा गंभीर हो गया था जिसको उन्होंने आईसीयू में भर्ती कर दिया है। 
वीओ- वही इस पूरे मामले पर पर्दा डालते हुए बलरामपुर हॉस्पिटल के डायरेक्टर ने 15-20 मरीज़ों की तबियत बिगड़ने की बात को सिरे से नकार दिया। उन्होंने कहा कि यहाँ पूरे प्रदेश से सीरियस मरीज आते हैं और हम उनको एंटरटेन करते हैं। हम लोग यहाँ पर किसी मरीज को रेफेर नहीं करते हैं कि यहाँ चले जाओ, वहाँ चले जाओ, गंभीर मरीज को भर्ती करना और उनका इलाज करना हमारा दायित्व है। अगर मरीज गंभीर है तो समस्याएं भी गंभीर होती हैं, उनका इलाज किया जाता है, एक मरीज था जिसको फीवर ज्यादा था तो उसको झटके आने लगे जिसके चलते उसको कोल्ड स्पनजिंग देकर ठीक कर दिया गया। 12 से 15 मरीजों की बात गलत है मैंने खुद पर्सनली जा कर देखा है किसी किसी मरीजों में बिग्गो लगा रहा था है अगर इंजेक्शन थोड़ा जल्दी लगा दिया जाए तो वहाँ थोड़ा दर्द होने लगता है और झटके आने लगये हैं वो इंजेक्शन लगने की वजह से नॉर्मल है यहाँ मरीज ज्यादा आते हैं जिनके कारणों से हम उनको ज्यादा टाइम नहीं दे पाते है और कोई बात नही है।चिकित्सालय में कोई भी मरीज सीरियस नहीं है सिर्फ एक मरीज सीरियस था जिसको तेज बुखार था। 
डॉ. राजीव लोचन, डायरेक्टर, बलरामपुर अस्पताल
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