शरई अदालतों के खिलाफ विरोध, दिया ज्ञापन
एंकर –अखिल भारत हिंदू महासभा ने देश के विभिन्न जिलों एवं तहसीलों में खुले न्यायालयों के समांतर खुलने जा रही शरई अदालतों का किया विरोध, देश में समान नागरिक संहिता जनसंख्या निरंतर कानून संसद में शीघ्र पारित कराए जाने के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा। ज्ञापन देने आए अखिल भारत हिंदू महासभा के पदाधिकारियों ने बताया कि आज एक संप्रदाय अपने पर्सनल लॉ को लेकर देश के संविधान एवं कानून व्यवस्था को चुनौती दे रहा है.
देश के विभिन्न जिलों एवं तहसीलों में खुले न्यायालयों के समानांतर शरई अदालतें खुलने जा रही हैं जहां एक संप्रदाय के व्यक्ति को तलाक हलाला जैसे विषयों को लेकर फैसले किए जाएंगे यह सीधे-सीधे देश की कानून व्यवस्था को चुनौती है जिस पर रोक लगाना जरूरी है जम्मू कश्मीर में एक संविधान दो विधान चल रहे हैं जिसपर भी संविधान की धारा 370 हटाना जरूरी है । आज पूरा देश विशाल जनसंख्या के बोझ तले दबता चला जा रहा है एवं सन 2020 तक हमारा देश जनसंख्या के मामले में चीन को भी पीछे छोड़ देगा।
जहां चीन ने कड़ाई से कानून बनाकर एक दंपत्ति के बीच केवल एक ही संतान को लागू कर आया है इस प्रकार भारत देश में भी एक दंपत्ति के बीच केवल अधिक से अधिक दो संतानों तक परिवारों को सीमित कर देना चाहिए । देश में सीमित संसाधन है एवं इनका संपूर्ण दोहन भी बढ़ती जनसंख्या की पूर्ति नहीं कर सकता है । वही कहा कि जिस तरह मेरठ में हलाला जैसी कुप्रथा के विरोध में लड़ाई लड़ रही महिला को मुस्लिम धर्म से निकाल दिया गया है उसकी लड़ाई अब समाज के अन्य लोगों और पुलिस प्रशासन व कानून को लड़नी चाहिए।