मोहम्मद कैफ ने आखिरी मैच खेलने के 12 साल बाद लिया संन्यास
भारतीय क्रिकेट टीम के सर्वश्रेष्ठ फील्डरों में शुमार रहे निचले क्रम के उम्दा बल्लेबाज मोहम्मद कैफ ने भारत के लिए आखिरी मैच खेलने के करीब 12 साल बाद शुक्रवार को सभी तरह के प्रतिस्पर्धी क्रिकेट को अलविदा कह दिया. सैतीस बरस के कैफ ने 13 टेस्ट, 125 वनडे खेले थे और उन्हें लाडर्स पर 2002 में नेटवेस्ट ट्राफी फाइनल में 87 रन की मैच जिताने वाली पारी के लिये जाना जाता है.
कैफ ने बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सी के खन्ना और कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी को ईमेल भेजकर लिखा ,‘‘मैं आज सभी तरह के प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं.’’ वह विश्व कप 2003 में फाइनल खेलने वाली भारतीय टीम का भी हिस्सा थे. युवराज सिंह के साथ वह अंडर 19 क्रिकेट से चमके थे.
आखिरी मैच छत्तीसगढ़ के लिए खेला था
उत्तर प्रदेश के लिये रणजी ट्राफी जीतने वाले कैफ ने आखिरी प्रथम श्रेणी मैच छत्तीसगढ के लिये खेला था. उन्होंने लिखा ,‘‘ नेटवेस्ट ट्राफी में मिली जीत को 16 साल हो गए हैं और आज मैं संन्यास ले रहा हूं . मैं भारत के लिये खेलने का मौका दिये जाने के लिये बोर्ड का शुक्रगुजार हूं.’’ सौरव गांगुली की अगुवाई में भारतीय टीम जब भारतीय क्रिकेट के इतिहास के सुनहरे पन्ने लिख रही थी तो युवराज के साथ कैफ उसका अभिन्न अंग थे. कैफ ने 13 टेस्ट में 32 की औसत से 2753 रन बनाये . वहीं 125 वनडे में उनका औसत 32 रहा. कैफ हिन्दी क्रिकेट कमेंटेटर के रूप में कैरियर की दूसरी पारी शुरू कर चुके हैं
कैफ इस समय टीम इंडिया के मैचों में कॉमेंट्री करते नजर आते हैं. वे सोशल मीडिया पर भी सक्रिय रहते हैं. इसे एक संयोग ही कहेंगे कि इस समय जब कैफ ने नेटवेस्ट सीरीज की बरसी पर अपने संन्यास की घोषणा की है, वहीं टीम इंडिया इस समय इंग्लैंड में ही वनडे सीरीज खेल रही है. गुरुवार को ही टीम इंडिया ने इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हई वनडे सीरीज के पहले मैच में इंग्लैंड को 8 विकेट से हरा दिया.
विश्वकप में बना चुके हैं कैचों का वर्ल्ड रिकॉर्ड
अपनी बेहतरीन फील्डिंग के लिए चर्चा में रहने वाले मोहम्मद कैफ के नाम एक अनोखा रिकॉर्ड है. विश्वकप के एक मैच में कैफ के नाम सबसे ज्यादा (4) कैच लेने विश्व रिकॉर्ड है, जो उन्होंने 2003 के वर्ल्डकप में श्रीलंका के खिलाफ लिए थे.
बतौर कप्तान भारत को जिताया अंडर-19 वर्ल्ड कप
साल 2000 में अंडर-19 टीम की कप्तानी करने वाले मोहम्मद कैफ ने भारत को विश्व चैंपियन बनाया था. इस टीम में कैफ के साथ युवराज सिंह भी टीम का हिस्सा थे. कैफ की गिनती भारत के टॉप फील्डर्स में होती थी. कैफ के पिता और भाई भी क्रिकेट खेलते थे.
राजनीति में भी आजमा चुके हैं हाथ
मोहम्मद कैफ राजनीति में भी हाथ आजमा चुके हैं, लेकिन वहां उन्हें सफलता नहीं मिली और हार का सामना करना पड़ा. लोक सभा चुनाव-2014 में मोहम्मद कैफ फूलपुर क्षेत्र से कांग्रेस के प्रतिनिधि थे. जहां उन्हें बीजेपी के केशव प्रसाद मौर्य से हार का सामना करना पड़ा.