सीबीआई ने उन्नाव रेप केस में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ दायर किया आरोपपत्र

लखनऊ: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने उत्तर प्रदेश से भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ उनके आवास पर एक किशोरी से कथित बलात्कार के मामले में आरोपपत्र दायर किया. यह जानकारी सीबीआई के अधिकारियों ने दी.

यहां एक विशेष सीबीआई अदालत में दायर आरोपपत्र में सेंगर और उसके सहयोगी शशि सिंह पर आपराधिक षड्यंत्र और भारतीय दंड संहिता के अन्य अपराधों के आरोप लगाये गए हैं. इसके साथ ही उन पर पोक्सो कानून की धारा तीन और चार के तहत भी आरोप लगाये गए हैं जो कि नाबालिगों से बलात्कार से संबंधित है. यह घटनाक्रम तब आया है जब नाबालिग लड़की से कथित बलात्कार की जांच तीन महीने पहले सीबीआई को सौंपी गई थी, जिसे नौकरी का वादा करके राजनेता के घर पर ले जाया गया था.

चार जून 2017 की रात में हुआ था रेप

अधिकारियों ने दावा किया कि जांच एजेंसी ने पाया कि नाबालिग लड़की से विधायक के आवास पर चार जून 2017 को रात आठ बजे बलात्कार किया गया, जहां उसे शशि सिंह लेकर गया था. अधिकारियों ने कहा कि एजेंसी ने आरोप लगाया है कि उसके बाद लड़की से 11 जून और 20 जून 2017 के बीच अलग-अलग समूह के आरोपियों द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया, जिसकी जांच भी सीबीआई द्वारा की जा रही है.

सीबीआई ने सेंगर को 13 अप्रैल को गिरफ्तार किया

अधिकारियों ने कहा कि स्थानीय पुलिस ने विधायक द्वारा कथित बलात्कार के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज नहीं की थी जो चार जून को हुआ था. उन्होंने सामूहिक बलात्कार के संबंध में ही एक प्राथमिकी दर्ज की. उन्होंने कहा कि चिकित्सकों, पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों की भूमिका की अभी भी जांच की जा रही है. उन्होंने कहा कि पीड़िता ने आरोप लगाया है कि विधायक ने उससे बलात्कार किया था. चार बार के विधायक एवं उत्तर प्रदेश विधानसभा में बांगरमऊ का प्रतिनिधित्व करने वाले सेंगर को 13 अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया गया था.

सीएम आवास पर पीड़िता के आत्‍मदाह के बाद प्रकाश में आया मामला

मामला उस समय प्रकाश में आया जब पीड़िता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर कथित रूप से आत्मदाह का प्रयास किया. लड़की के पिता की मृत्यु से पहले का एक कथित वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उसने आरोप लगाया था कि उसे विधायक के भाई और अन्य द्वारा पुलिस की मौजूदगी में निर्दयतापूर्वक पीटा गया और उस पर राइफल के बट से हमला किया गया. मामले को लेकर राज्य की भाजपा सरकार को शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा और उसने इस वर्ष अप्रैल में सीबीआई जांच की सिफारिश की.

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