भाजपा ने काटे 28 सांसदों के टिकट, सामने आई सूची

कानपुर. तीन दिन तक यूपी का मंथन करने के बाद भाजपा नेतृत्व ने दो दर्जन से ज्यादा सांसदों के टिकट काटने का फैसला कर लिया है। पार्टी के मुखिया अमित शाह ने एक-एक सांसद का रिपोर्ट कार्ड खुद जांचा और स्थानीय कमेटी से लोकसभा चुनाव के लिए नए उम्मीदवार का नाम बताने को कहा है। नए उम्मीदवार के नाम पर अंतिम मुहर स्थानीय सर्वे के बाद ही लगेगी। फिलहाल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की आपसी चर्चा के बाद 28 सांसदों के टिकट काटने का फैसला हो चुका है, जबकि एक दर्जन अन्य निशाने पर हैं। मौजूदा सांसदों के मामले में सबसे ज्यादा पूर्वांचल और अवध क्षेत्र के सांसदों पर गाज गिरी है, दूसरे नंबर पर कानपुर-बुंदेलखंड प्रांत है। टिकट से वंचित रहने वालों की सूची लंबी है, लेकिन सबसे प्रमुख नाम है मुरली मनोहर जोशी, कलराज मिश्र और उमाभारती।

जोशी के साथ उमा भारती, पुष्पेंद्र, भैरव पर गिरी गाज

अच्छी छवि नहीं होने के कारण अमित शाह ने कानपुर के मौजूदा सांसद मुरली मनोहर जोशी, झांसी की सांसद उमाभारती, हमीरपुर के सांसद पुष्पेंद्र चंदेल, इटावा के सांसद अशोक दोहरे समेत 28 सांसदों को अगले चुनाव में उम्मीदवारी से दूर रहने का संकेत दिया है। शाह ने सबसे ज्यादा पूर्वी यूपी के सांसदों के टिकट काटे हैं। पूर्वांचल में 12 सांसदों को टिकट नहीं मिलेगा, जबकि कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में पांच सांसदों पर गाज गिरी है। इसी प्रकार अवध क्षेत्र के तीन सांसद निशाने पर आए हैं, जबकि बृज के दो सांसदों को दोबारा टिकट नहीं दिया जाएगा। छह अन्य सांसद पश्चिम यूपी से नाता रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चर्चा के बाद अमित शाह टिकट से वंचित सांसदों की सूची को तय कर दिया है। चर्चा है कि सूची में देवरिया से कलराज मिश्र, मथुरा से हेमा मालिनी, फतेहपुर सिकरी से चौधरी बाबूलाल, हरदोई से अंशुल वर्मा, उन्नाव से साक्षी महाराज, फर्रुखाबाद से मुकेश राजपूत, इटावा से अशोक दोहरे, इलाहाबाद से श्यामाचरण गुप्त, बहराइच से सावित्री बाई फुले, डुमरियागंज से जगदंबिका पाल, रावटर््सगंज से छोटेलाल के नाम टिकट से वंचित रहने वाले सांसदों में शामिल हैं।

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