पासपोर्ट विवाद: जांच में तन्वी को सही और विकास मिश्रा गलत बताया

दिल्ली: अब पासपोर्ट विवाद में नया मोड़ आया है. जहा पहले तन्वी सेठ के कागजात में गड़बड़ी की बात कही गई थी वही अब विदेश मंत्रालय की आंतरिक जांच में तन्वी सेठ उर्फ सादिया अनस एवं उसके पति अनस सिद्दीकी की ओर से लखनऊ पासपोर्ट कार्यालय में दिए गए आवेदनों में सब कुछ सही होने की बात सामने आई है. जांचकर्ता दल के अनुसार लखनऊ में तन्वी उर्फ सादिया और उसके पति अनस को कानून के मुताबिक ही पासपोर्ट जारी किए गए.

जांच में पासपोर्ट अधिकारी विकास मिश्रा पर की गई कार्रवाई को सही ठहराया गया. लखनऊ में रीजनल पासपोर्ट ऑफिसर पीयूष वर्मा ने कहा, ‘नए नियम के तहत दोनों आवेदकों के पुलिस वेरिफिकेशन में कोई गड़बड़ी नहीं मिली. इस आधार पर उनके पासपोर्ट्स रद्द नहीं किए जा सकते. बाद में तन्वी सेठ ने पासपोर्ट हासिल करने के लिए दो और दस्तावेज सौंपे थे- अपना आधार कार्ड और बैंक पासबुक. दोनों में एक नाम तन्वी सेठ ही लिखा है. पासपोर्ट के लिए निकाहनामे पर लिखा उनका नाम कोई मायने नहीं रखता क्योंकि पासपोर्ट के लिए साक्ष्य के तौर पर न निकाहनामा और न ही विवाह प्रमाण पत्र की जरूरत पड़ती है.’ 

लिस अधिकारी ने मीडिया से कहा जांच में इसकी पुष्टि हुई है कि तन्वी ने जो निकाहनामा पेश किया था, पहचान या विवाह के साक्ष्य के रूप में उसकी जरूरत थी ही नहीं. कुछ समय पहले ही नियमों को आसान बना दिया गया था. उनके दूसरे दस्तावेजों की जांच के बाद सरकार को नहीं लगता है कि किसी प्रकार की समस्या थी. यहां तक कि विवाद के बाद हुए पुलिस वेरिफिकेशन में भी कोई गड़बड़ी नहीं मिली.

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