LAC को लेकर रूस के इस बयान के बाद चीन के उड़े होश

भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव को एक साल होने को है। हालांकि अब यहां पर तनाव कम होता दिख रहा है और दोनों देशों की सेना पैंगोंग झील से वापस हट चुकी हैं। इसके साथ ही एलएसी के दूसरे स्‍थानों पर आने वाले समय में बातचीत होगी। ऐसे में रूस का एक बयान सामने आया है, जिसने चीन के होश उड़ा दिए हैं।



रूस ने कहा कि मॉस्को एलएसी की स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए है और भारत और चीन के बिना किसी विदेशी हस्तक्षेप के स्थिति को सुलझाने के संकल्प का सम्मान करते हैं।

रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने कहा, “चीन-भारत सीमा पर स्थिति की निगरानी जारी हैं। हम 25 फरवरी को फोन पर बातचीत के दौरान चीन और भारत के विदेश मंत्रियों द्वारा किए गए समझौतों का स्वागत करते हैं। हम विदेशी हस्तक्षेप के बिना और द्विपक्षीय बातचीत के बहु-स्तरीय तंत्र के मौजूदा ढांचे के भीतर स्थिति को निपटाने के लिए दोनों देशों के संकल्प का सम्मान करते हैं।”

24 फरवरी को सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने ने LAC के साथ पैंगोंग झील क्षेत्र से चीनी सैनिकों के पीछे हटने के बाद वार्ता की प्रगति पर संतोष व्यक्त किया था। उन्‍होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह एक बहुत अच्छा परिणाम है, यह एक जीत की स्थिति है। एक सरकार के रूप में हमने जो कुछ भी किया, एक राष्ट्र के रूप में दिखाया है कि हमें अपने हित को बनाए रखने का संकल्प करना चाहिए। मुझे लगता है कि इस संपूर्ण सरकार के दृष्टिकोण के साथ चीन के साथ हमारे संबंध उस मार्ग के साथ विकसित होंगे, जिसे हम विकसित करना चाहते हैं।

रक्षा प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को कहा कि भारत को चीन और पाकिस्तान जैसे शत्रुतापूर्ण पड़ोसियों से उत्पन्न खतरों के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्‍होंने कहा, “हमें चीन और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सैन्य प्राथमिक खतरों के लिए तैयार रहना चाहिए। भविष्य में चीन भारत और हिंद महासागर क्षेत्र के आसपास के राज्यों में प्रभुत्व स्थापित करने की मांग करना जारी रखेगा। हमें प्रभावी रूप से अपने द्वीप क्षेत्रों द्वारा प्रदान किए गए अवसर का लाभ उठाना चाहिए, जो हमें अपनी पहुंच बढ़ाने में सक्षम बनाता है, हमारी रक्षा रणनीति को आगे बढ़ाता है।”

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