छत्तीसगढ़ : सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ रही रफ्तार, बीते दो साल में 682 लोगों की मौत

बीते दो साल में सड़क दुर्घटनाओं में 682 लोगों की जानें गई हैं। वहीं 797 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस साल लाकडाउन के कारण आंकड़ों में कमी आई है। अनलाक के बाद दुर्घटना की रफ्तार बढ़ रही है।

रोड सेफ्टी सेल से मिली जानकारी के अनुसार नियमों की अनदेखी दुर्घटना का प्रमुख कारण है। हेलमेट नहीं पहनने से अधिकतर लोगों की जान जाती है। उन्होंने बताया कि साल 2019 में 1292 सड़क हादसे दर्ज किए गए थे। इसमें 388 लोगों की जान गई थीं। इसमें 170 बाइक सवार थे। इनमें से 135 लोगों ने हेलमेट नहीं पहना था। सिर में गंभीर चोट लगने से इनकी मौत हो गई।

इसके अलावा तेज रफ्तार, जर्जर सड़क भी दुर्घटनाओं का कारण बनती है। सड़क में अतिक्रमण, बेतरतीब निर्माण और नशा भी प्रमुख कारण हैं। बीते साल 13 दुर्घटना में लोगों ने नशा किए थे। इन दुर्घटनाओं में 17 लोगों की जान गई थी। 2019 में बिना हेलमेट वालों पर 900 लोगों पर चालानी कार्रवाई की गई थी। वहीं 2020 में 300 लोगों पर हेलमेट नहीं पहनने पर कार्रवाई की गई है।

जांच में तेजी से घटेगी दुर्घटनाएं

एएसपी यातायात रोहित बघेल ने बताया कि नियमों की अनदेखी की वजह से कई जान जाती है। इसके लिए लोगों को नियमों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोग हेलमेट को अपनी आदत में शामिल करें। साथ ही कार चालक अपने और परिवार की सुरक्षा के लिए सीट बेल्ट लगाएं।

जांच में तेजी से दुर्घटनाओं में कमी आएगी। साथ ही नियमों का पालन लोग स्वयं सुनिश्चित करें तो यातायात पुलिस को जांच में आसानी होगी। इससे लोगों को जांच के नाम पर अनावश्यक समय नहीं लगेगा।

स्कूलों में जाकर बच्चों को कर रहे जागरूक

सड़क हादसों पर लगाम लगाने पुलिस और यातायात विभाग की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा जागरूकता अभियान भी चलाया जाता है। सड़क सुरक्षा सेल के प्रभारी उप निरीक्षक उमाशंकर पांडेय ने बताया कि विभाग की ओर से स्कूलों में बच्चों को यातायात सुरक्षा की जानकारी दी जाती है।

इसमें स्वयंसेवी संगठनों का भी सहयोग लिया जा रहा है। इसके लिए बीते साल शहर के सभी स्कूलों में बच्चों को सड़क दुर्घटना के कारणों की जानकारी दी गई थी। साथ ही इनसे बचने उपाए बताए गए थे। सेल के जवानों ने विद्यार्थियों को यातायात नियमों का पालन करने प्रेरित किया था।

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