छत्तीसगढ़: राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधानसभा की कार्यवाही स्थगित

छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र सोमवार से शुरू हो गया। परंपरा के अनुसार पहले दिन केवल राज्यपाल का अभिभाषण ही हो सका। अभिभाषण के बाद विधानसभा की कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अभिभाषण की शुरुआत गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ से की। सरकार द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों का जिक्र किया। कोरोना संकट में सरकार के प्रयास और उपाय की जानकारी दी। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्यपाल का स्वागत किया।

बता दें कि पहले दिन केवल राज्यपाल का अभिभाषण ही हो सका। सदन में सामान्य कामकाज दूसरे दिन मंगलवार से शुरू होगा। सत्र के दूसरे दिन सरकार की तरफ से अनुपूरक बजट पेश किया जाएगा। यह चालू वित्तीय वर्ष का तीसरा अनुपूरक बजट होगा। अनुपूरक बजट पर 24 फरवरी को सदन में चर्चा होगी और उसी दिन पारित भी किया जाएगा।

राज्यपाल अनुसुईया उइके ने अभिभाषण में कहा, सरकार ने प्रदेश को कोरोना संकट काल के इस कठिन दौर से निकालने के लिए सूझबूझ के साथ काम किया। इससे 67 लाख से अधिकराशन कार्डधारी परिवारों को उनकी पात्रता अनुसार खाद्यान्न, शक्कर, नमक, केरोसीन, बस्तर संभाग में गुड़, कोंडागांव जिले में फोर्टिफाइड राइस वितरण सुरक्षा उपायों के साथ संभव हो पाया। 57 लाख अंत्योदय, प्राथमिकता, अन्नपूर्णा, एकल निराश्रित तथा निःशक्तजन कार्डधारियों को आठ माह तक पात्रता अनुसार चावल तथा चना भी निःशुल्क दिया गया। प्रवासी श्रमिकों तथा अन्य लोगों की सुरक्षित घर वापसी हुई। गांव-गांव में सबकी खाद्य सुरक्षा केलिए 11 हजार से अधिक पंचायतों में 2-2 क्विंटल चावल उपलब्ध कराया गया। ऐसे अनेक प्रयासों के सकारात्मक नतीजे मिले।

जानिए अभिभाषण की खास बातें

1. सरकार ने दो अक्टूबर 2019 को मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के रूप में जो अलख जगाई थी, उसकी लौ कोरोना काल में भी जलती रहे, इसके लिए तीन लाख 62 हजार से अधिक हितग्राहियों के साथ ही 51 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों के 24 लाख से अधिक हितग्राहियों को घर-घर जाकर रेडी-टू-ईटपोषण सामग्री दी गई।

2.।मध्याह्न भोजन योजना के 29 लाख से अधिक हितग्राही स्कूली बच्चों को भी रेडी-टू-इट सूखा राशन सुरक्षित रूप से घर पहुंचाकर दिया गया। इतना ही नहीं, गर्मभोजन और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों को कोरोना से बचाव के उपायों के साथ सात सितंबर 2020 को पुनः शुरू कर दिया गया।

3. एक वर्ष में 99 हजार बच्चों को कुपोषण से तथा 20 हजार महिलाओं को एनीमिया से मुक्ति मिली है। महिलाओं और बच्चों की बेहतर देखरेख और विकास के लिए महतारी जतन योजना, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना, सक्षम योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, स्वावलम्बन योजना, नवा बिहान योजना, स्व-आधार गृह योजना, उज्ज्वला गृह योजना,महिला पुलिस स्वयंसेविका योजना, छत्तीसगढ़ महिला कोष योजना, महिला शक्ति केंद्र योजना आदि को सुचारू ढंग से लागू किया गया, जिससे मातृ-शक्ति का मनोबल और स्वावलम्बन बढ़ा है।6. मेरी सरकार ने एक बार फिर किसानों से किया गया।

4. चुनौतियों के बीच सुधार और संकल्प के साथ समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की गई। इस वर्ष सर्वाधिक 21 लाख 52 हजार 980 किसान पंजीकृत हुए थे, जिनमें से 20 लाख 53 हजार483 किसानों ने अपना धान बेचा। इस प्रकार नई व्यवस्था और नए संकल्प से छत्तीसगढ़ 95.40 प्रतिशत किसानों का धान खरीदने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। धान खरीदी के हर पहलू पर एक नया कीर्तिमान बना है, जैसे कुल पंजीकृत रकबा, कुल धान खरीदी का रकबा, कुल उपार्जित धान की मात्रा 92 लाख मीट्रिक टन को पार करना किसी चमत्कार से कम नहीं है।

5. सरकार ने किसानों के हित में जो नए-नए कदम उठाए हैं, उसके कारण इस वर्ष ब्याज मुक्त कृषि ऋण के रूप में चार हजार 755 करोड़ रुपए की राशि वितरण का नया कीर्तिमान बना है। लगभग 16 लाख किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड दिए जा चुके हैं। प्राथमिक कृषि साख सहकारी सोसायटी का पुनर्गठन कर 725 नई समितियां पंजीकृत की गई हैं, जिससे अब कुल समितियों की संख्या एक हजार 333 से बढ़कर दो हजार 58 हो गई है।

6. एक ओर जहां गन्ना आधारित इथेनाॅल प्लांट लगाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर धान आधारित इथेनाॅल प्लांट लगाने की नवाचारी सोच को भी राष्ट्रीय स्तर पर समर्थन और स्वीकृति मिली है। सरकार चाहती है कि प्रदेश में धान की बंपर पैदावार के बावजूद धान के दाम का मान बना रहे। इसलिए धान का इस्तेमाल अन्य लाभप्रद उपक्रमों में भी किया जाए।

7. सरकार ने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान, गन्ना, मक्का सहित 14 फसलें लेने वाले किसानों को सीधी आर्थिक मदद देने का बीड़ा उठाया है। प्रथम वर्ष में तीन किस्तों में 4500 करोड़ रुपए की राशि किसानों के खाते में डाल दी गई है। वहीं, शेष लगभग 1200 करोड़ रुपए की अंतिम किस्त का भुगतान भी इसी वित्तीय वर्ष में कर दिया जाएगा।

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