झारखंड: अप्रैल से कक्षा 1 से 7 तक खुलेंगे निजी स्कूल, सरकार लेने जा रही बड़ा फैसला…

राज्य के निजी स्कूल नए शैक्षणिक सत्र अर्थात अप्रैल माह से प्राइमरी कक्षाओं के लिए भी स्कूल खोलने के पक्ष में हैं। राजधानी रांची स्थित कई बड़े स्कूलों के प्राचार्यों ने शिक्षा सचिव से मिलकर इसकी मांग की है। निजी स्कूल काेरोना से सुरक्षा को लेकर सभी आवश्यक गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल खोलना चाहते हैं।

इनका कहना है कि जिस तरह अन्य राज्यों में इसकी अनुमति दी गई है, उसी तरह झारखंड के स्कूलों को भी अप्रैल से प्राइमरी कक्षाओं को भी खोलने की अनुमति मिले। बताया जाता है कि शिक्षा सचिव ने स्कूलों को इसे लिखकर देने को कहा है। उनकी लिखित मांगों को झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की स्वीकृति के लिए भेज दिया जाएगा।

बता दें कि अभी कक्ष आठ से बारह तक के लिए स्कूलों को खोलने की अनुमति मिली है। कक्षा दस तथा बारह के लिए स्कूल पहले से खुल रहे हैं, जबकि कक्षा आठ, नौ तथा ग्यारहवीं के लिए भी स्कूल एक मार्च से खुलेंगे।

1 मार्च से खुलेंगे लाइब्रेरी, पुस्‍तकालय से पुस्तक घर ले जाने की नहीं होगी अनुमति

स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने राज्य के पुस्तकालयों को खोलने को लेकर एसओपी जारी कर दिया है। इसके तहत राज्य के राजकीय, प्रमंडलीय, अनुमंडलीय, जिला केंद्रीय पुस्तकालय अपनी क्षमता की 50 फीसद सीटों के लिए खुलेंगे। लेकिन विद्यार्थियों को पुस्तकालय आने के लिए अभिभावकों से अनुमति लेनी होगी। विभाग के सचिव राहुल शर्मा ने सभी क्षेत्रीय उपनिदेशकों तथा जिला शिक्षा पदाधिकारियों को पत्र भेजकर एसओपी की जानकारी देते हुए उसका सख्ती से अनुपालन कराने को कहा है।

कंटेनमेंट जोन के विद्यार्थी नहीं आ सकेंगे पुस्तकालय

एसओपी के अनुसार पुस्तकालय में पूरी क्षमता के अधिकतम 50 फीसद विद्यार्थी के बैठने की व्यवस्था होगी। किसी भी विद्यार्थी को पुस्तक घर ले जाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही कंटेनमेंट जोन में रहने वाले विद्यार्थियों को पुस्तकालय में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी। पुस्तकालय कक्ष में प्रवेश से पूर्व थर्मल गन से तापमान की जांच होगी तथा जांच के बाद ही कक्ष में प्रवेश की अनुमति होगी। पुस्तकालय में छह फीट की शारीरिक दूरी का अनुपालन अनिवार्य रूप से कराया जाएगा।

पुस्तकालय आने के लिए विद्यार्थियों को दिखाना होगा अभिभावकों का अनुमति पत्र

लाइब्रेरी में सभी विद्यार्थी हमेशा मास्क या फेस कवर का उपयोग करेंगे। यदि पुस्तकालय छोटा हो तो उसे दो कमरों में चलाया जाएगा ताकि विद्यार्थियों के बीच छह फीट की दूरी बनी रहे। एक बेंच पर एक ही विद्यार्थी बैठेंगे। बैठने के लिए कुर्सी की व्यवस्था है तो एक कुर्सी छोड़कर विद्यार्थी बैठेंगे। विद्यार्थियों के बैठने का स्थान को चिन्हित किया जाएगा।

यदि विद्यार्थियों की संख्या अधिक हो तो अल्टरनेट डे की व्यवस्था के आधार पर अलग-अलग समय या दिन पर विद्यार्थियों को पुस्तकालय उपयोग की अनुमति दी जाएगी। पुस्तकालयों में हाथ धोने के साबुन हैंड, सैनिटाइजर की सुविधा उपलब्ध रहेगी। विद्यार्थी यदि मोबाइल का उपयोग कर रहे हैं तो उन्हें आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना होगा। अभिभावक की अनुमति के पत्र के बिना विद्यार्थी पुस्तकालय में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।

रांची विश्वविद्यालय की शिक्षिका को 40 वर्ष की सेवा के बाद भी प्रोमोशन नहीं

रांची विश्वविद्यालय की शिक्षिका डॉ. रेणु दीवान को 40 वर्ष की सेवा के बाद भी प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नति नहीं मिली। उन्होंने शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिलकर इसकी जानकारी दी। राज्यपाल ने इसपर नियमानुसार आवश्यक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। शुक्रवार को ही रितेश कुमार के नेतृत्व में झारखंड अंशकालीन शिक्षक सह कर्मी संघ (कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय) के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मिलकर झारखंड में स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में कार्यरत अंशकालिक शिक्षक-शिशिकाओं को स्थायी करते हुए वेतनमान प्रदान करने संबंधित ज्ञापन सौंपा।

राज्य वित्त आयोग को सक्रिय किया जाए

राइट टू फूड कैंपेन व फिया फाउंडेशन के एक संयुक्त प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को झारखंड मंत्रालय में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर मांग की है कि राज्य वित्त आयोग को सक्रिय किया जाए और सामाजिक सुरक्षा योजना 2021-22 में कटौती नहीं की जाए। प्रतिनिधिमंडल में अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज, पूर्व कुलपति विनोबा भावे विश्वविद्यालय डॉ रमेश शरण, सामाजिक कार्यकर्ता बलराम, राइट टू फूड कैंपेन की राज्य संयोजक असर्फी, फिया फाउंडेशन के स्टेट हेड जॉनसन टोपनो एवं सस्मिता जेना शामिल थे।

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