इस दिन है जया एकादशी, जानिए व्रत कथा, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है. साल में करीब चौबीस एकादशी पड़ती हैं. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. सभी एकादशियों में जया एकादशी का अपना अलग महत्व होता है.

वहीं साल में 24 बार आने वाली एकादशी में से 12 एकादशी शुक्ल पक्ष और 12 एकादशी कृष्ण पक्ष की होती है. माघ महीने में शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस दिन व्रत रखकर भगवान श्री हरि की पूजा की जाती है.

जया एकादशी की कथा:

जया एकादशी के विषय में जो कथा प्रचलित है उसके अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर भगवान श्री कृष्ण से निवेदन करते हैं कि माघ शुक्ल एकादशी को किसकी पूजा करनी चाहिए, और इस एकादशी का क्या महत्व होता है? जिस पर भगवान श्री कृष्ण कहते हैं माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी को जया एकादशी कहा जाता है. और ये एकादशी बहुत ही पुण्यदायी है, इस दिन भगवान नारायण की पूजा करनी चाहिये, और एकादशी के दिन व्रत करने से व्यक्ति नीच योनि जैसे भूत, प्रेत, पिशाच की योनि से मुक्त हो जाता है.

जया एकादशी का शुभ मुहूर्तः

जया एकादशी 22 फरवरी 2021 सोमवार की शाम 05 बजकर 16 मिनट पर शुरू होकर 23 फरवरी 2021 दिन मंगलवार की शाम 06 बजकर 05 मिनट पर खत्म होगी.

जया एकादशी का व्रत :

इस दिन सुबह से लेकर रात तक व्रत रखने से सब मनोकामनायें पूरी होती हैं. साथ ही द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को पहले खाना खिलायें फिर ही खुद खायें. इस प्रकार नियम से व्रत रखने से व्यक्ति पिशाच योनि से मुक्त हो जाता है.

पूजा की विधि:

एकादशी तिथि को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए. इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान कर, व्रत का रखना चाहिये. इसके साथ ही एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर उसपर भगवान विष्णु की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिये, फिर तिल, रोली मिश्रित जल और अक्षत चढ़ाने चाहिये, भगवान विष्णु पर फूल चढ़ाने चाहिये और आरती करने के बाद विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने  से भगवान खुश होते हैं.

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