ब‍िहार की तर्ज पर झारखंड के जवानों ने लगाई सुव‍िधा देने की गुहार, सीएम हेमंत सोरेन को लिखा पत्र

बिहार सरकार की तरह ही झारखंड राज्य के होमगार्ड जवानों को सुविधाएं चाहिए। प्रति दिवस 774 रुपये का मानदेय, कर्मचारी भविष्य निधि की सुविधा, नियमित ड्यूटी और सेवानिवृत्ति के बाद राशि का एक मुश्त भुगतान। यदि ऐसा नहीं होता है तो एक मार्च को सभी जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन और फिर आठ मार्च को राजधानी कूच की योजना है। होमगार्ड जवानों ने अपने संगठन झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से उपरोक्त मामले को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र दिया है। इस पत्र में बताया गया है कि बिहार पुलिस के एक दिन के न्यूनतम वेतन के अनुरूप वहां के होमगार्ड जवानों को मानदेय दिया जाता है, जबकि झारखंड में महज पांच सौ रुपये प्रतिदिन की दर पर मानदेय मिलता है। यहां के जवान बिना कर्मचारी भविष्य निधि के ही अपना काम कर रहे हैं। झारखंड में नियमित ड्यूटी भी नही मिलती। जबकि बिहार में राज्य सरकार के सभी कार्यालयों में केवल होमगार्ड जवानों को नियुक्त किया गया है। बिहार में सेवानिवृत्त होने पर होमगार्ड जवानों को 1.5 लाख रुपये एक मुश्त भुगतान होता है। यहां ऐसी कोई सुविधा नहीं है।

मुख्यमंत्री को वादा याद दिलाया : एसोसिएशन ने अपने पत्र में कहा है कि विधान सभा चुनाव के पूर्व जब जवान आंदोलन कर रहे थे तब हेमंत सोरेन ने यह वादा किया था कि उनके पास कलम की ताकत आते ही मांगों का पूरा कर दिया जाएगा। इतना ही नहीं संविदा सभा के दौरान भी हेमंत सोरेन ने यही बात दुहराई थी। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष रवि मुखर्जी ने कहा कि सरकार बने हुए एक साल से अधिक का समय हो चुका है। अन्य संगठनों की मांगों को सरकार पूरा कर रही है। ऐसे में होमगार्ड जवानों को भी उनका अधिकार मिले इस दिशा में भी सरकार को काम करना चाहिए।

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