झारखंड: इस बार खास होगा हेमंत सरकार का बजट, हवा-हवाई योजनाओं से रहेगी दूरी

झारखंड सरकार वित्तीय वर्ष 2021- 22 के बजट में हवा-हवाई योजनाओं से दूरी बनाते हुए बजट को वास्तविकता के करीब रखेगी। सरकार की मंशा ट्रांसपेरेंट आउटकम पेश करने की है, जिसे लेकर सभी विभागों को कड़े निर्देश दिए गए हैं। आम तौर पर हर वित्तीय वर्ष पेश किए जाने वाले बजट और योजनावार किए गए बजटीय प्रावधान से हटकर बजट को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

विभागों के लिए स्पष्ट किया गया है कि वे सिर्फ योजना और उसमें आवंटित राशि का प्रावधान ही ना करें बल्कि किसी योजना में कितनी राशि खर्च होगी, योजना आम जनता के लिए किस प्रकार लाभकारी है और इसके जमीनी कार्यान्वयन की भविष्य की रूपरेखा क्या होगी इसका विस्तृत ब्यौरा भी तलब किया गया है। बजट आकार बढ़ाने पर भी सरकार का जोर नहीं है।

इस वित्तीय वर्ष के खर्च को आधार बनाकर अगले वित्तीय वर्ष विभागवार बजटीय राशि का प्रावधान किया जाएगा। बजट आकार में वृद्धि के बजाय सीधे लाभुकों से जुड़ी योजना पर फोकस किया जाएगा। बता दें कि गत वर्ष राज्य सरकार ने 86,370 करोड़ का बजट पेश किया था। बजट आकार को महज 170 करोड़ ही बढ़ाया गया था। इस बार भी उसी मानक का पालन किए जाने की बात कही जा रही है।

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