मोहाली में गरजे पूर्व सीएम सुखबीर बादल, कहा- स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिद्धू के घपलों की होगी जांच, पूर्व मेयर को बताया प्रॉपर्टी डीलर

निकाय चुनाव प्रचार का आज आखिरी दिन है। ऐसे में सभी दलों के दिग्गज नेता अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए तोबड़तोड़ प्रचार कर रहे हैं। शुक्रवार को मोहाली पहुंचे पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने एक के बाद एक तीन रैलियां की। उन्होंने पंजाब के सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू को आड़े हाथों लेते हुए खूब हमला बोला।

सुखबीर बादल ने कहा कि सेहत मंत्री ने न सिर्फ दवाओं में घपलेबाजी की है, बल्कि जमीनों पर भी नाजायज कब्जे किए हैं। वहीं, सुखबीर ने अकाली दल से बर्खास्त किए गए पूर्व मेयर कुलवंत सिंह को प्रॉपर्टी डीलर तक कह दिया। बादल ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला करते हुए कहा कि वे तो अपने बंगले से ही नहीं निकलते। सूबे में क्या हो रहा है चार साल से कैप्टन को कुछ नहीं पता। पंजाब के मुख्यमंत्री ने पंजाब के बड़े नुकसान करवाए हैं। परकैपिटा इनकम नीचे आई है।

बादल ने कहा कि सेहत मंत्री के खिलाफ हमारे पास पक्के सुबूत है। सत्ता परिवर्तन के साथ ही सिद्धू को जनता को किए गए घपलों का हिसाब देना होगा। चुनाव में सत्ताधारी सरकार सरेआम धक्केशाही कर रही है। जो हमारे जितने वाले उम्मीदवार थे या तो उनके नामांकन रद कर दिए गए या फिर नामांकन भरने ही नहीं दिए गए। उन्होंने कहा कि मोहली के पूर्व मेयर तो पता ही नहीं जिले में विकास क्या हुआ है।

सुखबीर बादल ने पंजाब में अपने कार्यकाल के दौरान की गई उपलब्धियों का भी ब्याख्यान किया। सुखबीर बादल ने कहा कि 2022 मे अकालीदल की सरकार बनेगी। चुनाव में उतरे शिअद के उम्मीदवार जो वायदे कर देंगे वे पूरे कर दिए जाएंगे। लोग अकाली उम्मीदवारों को जरूर मौका देंगे।

पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य चुनाव कमिशन को बर्खास्त कर देना चाहिए। बल्कि अपना नाम बदलकर कांग्रेस कर लेना चाहिए। क्योंकि पारदर्शिता के साथ चुनाव नहीं हो रहे। कांग्रेस सरकार गुंडागर्दी कर रही है। अगर ऐसे चुनाव करवाने थे फिर करवाएं ही क्यों।  इलेक्शन कमीशन सरकार से मिला हुआ है। सबसे बुरा रोल इलेक्शन कमिशन का है। उनके खिलाफ केस दर्ज होना चाहिए। बीजेपी उम्मीदवारों पर हो रहे हमलों पर सुखबीर बादल ने कहा कि सबको चुनाव लड़ने का हक है। किसी पर हमले नहीं होने चाहिए। बादल ने कहा कि पेरामलिट्री फोर्सेस सिर्फ इलेक्शन कमीशन लगा सकती है, लेकिन वो सरकार से मिले हुए हैं। ऐसे में पारदर्शिता के साथ चुनाव कैसे होगा।

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