ट्विटर के बाद अब कंगना रनौत ने ज्वाइन किया KOO ऐप

इंडिया गवर्नमेंट और सोशल मीडिया वेबसाइट के बीच चल रहे घमासान के मध्य भारत का देसी ऐप ‘कू’ फायदा बटोरता नज़र आ रहा है। बीतें दिनों इस ऐप पर आने वालों का आंकड़ा बढ़ गया है। कई मशहूर नेता और बड़ी हस्तियां निरंतर इस पर साइन-अप कर रहे हैं। दरअसल  26 जनवरी हिंसा को लेकर ट्विटर और गवर्नमेंट के मध्य बहस छीड़ी थी, जिसके उपरांत ‘कू’ नाम का ये ऐप पॉप्यूलर हो गया। जंहा इस बात का पता चला है कि केंद्रीय मंत्री जयशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, अनुपम खेर, संबित पात्रा, शिवराज सिंह चौहान, डीके शिवकुमार इस प्लेटफॉर्म का हिस्सा बन चुके हैं।

जब से गवर्नमेंट और ट्विटर के मध्य चल रहा विवाद सार्वजनिक हुआ है। जिसके उपरांत से ही ‘कू’ ऐप पर आने वालों का आंकड़ा तेजी से बढ़ता जा रहा है। हर दिन एक लाख  अधिक लोग इस ऐप को डाउनलोड कर रहे हैं। ऐप को अब तक 30 लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत भी इस ऐप पर मौजदू हैं. कुछ दिनों पूर्व ही एक्ट्रेस ने ट्विटर छोड़ने के संकेत दिए थे. अभिनेत्री ने ट्विटर को छोड़कर हिंदुस्तानी सोशल मीडिया एप Koo जॉइन करने की बात बोली थी। बीते कुछ दिनों में कंगना रनौत को ट्विटर पर कई बार बंदिशों का सामना करना पड़ा है।

कई बार ट्विटर की ओर से उनकी पोस्ट्स को हटाया जा चुका है। जिसके अतिरिक्त उनकी बहन रंगोली चंदेल के अकाउंट को हेट स्पीच को प्रमोट करने के लिए स्थायी तौर पर सस्पेंड भी किया जा चुका है। कंगना रनौत ने बुधवार को ट्वीट किया, ‘तुम्हारा समय समाप्त हो गया है ट्विटर। अब #kooapp पर शिफ्ट करने का समय है। जल्दी ही आप लोगों को अपनी अकाउंट डिटेल्स बताऊंगी। #kooapp के अनुभव को लेकर रोमांचित हूं।’

इसके अतिरिक्त एक और ट्वीट में कंगना रनौत ने  इंडिया गवर्नमेंट की ओर से सोशल मीडिया कंपनी को दिए गए आदेश पर ट्विटर के CEO जैक दोर्जी पर हमला बोलते हुए लिखा है, ‘तुमको बनाया किसने है चीफ जस्टिस। तुमने गैंग सा बना लिया है। कई बार तुम खुद को संसद के गैर-निर्वाचित सदस्य जैसा मानते हो। कई बार तुम ही खुद को पीएम भी बताते हो? तुम आखिर हो कौन? ड्रगीज का ग्रुप हमें कंट्रोल करने की कोशिश कर रहा है।’ इस बीच बुधवार को एक ब्लॉग पोस्ट में ट्विटर ने कहा है, ‘हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत करते रहेंगे।’ वहीं इस पर ट्विटर ने कहा, ‘हम इंडिया में उन लोगों की तरफ से अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की वकालत हमेशा करेंगे, जिनकी हम सेवा करते हैं। हम इंडियन कानून के अंतर्गत ट्विटर और उन अकाउंट्स को लेकर विकल्पों पर विचार कर रहे हैं, जो प्रभावित हुए हैं। हम ट्विटर पर संवाद की रक्षा करने के लिए तत्पर हैं। हम इस बात में मजबूती से यकीन करते हैं कि ट्वीट्स का फ्लो बना रहे।’

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