म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद लगातार लोग कर रहे सड़कों पर विरोध प्रदर्शन

म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद के लगातार सड़कों पर विद्रोह हो रहा है. एक तरफ म्यांमार में चुनी हुई सरकार कैद में तो दूसरी तरफ इस तख्तापलट का सीधा आरोप चीन पर लग रहा है. म्यांमार की सड़कों पर सीधे चीन के खिलाफ भी प्रदर्शन शुरू हो गए हैं.

प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो के साथ प्रदर्शनकर रहे हैं, जिस पर लिखा है वी आर वॉचिंग यू मिस्टर शी जिनपिंग यानी हम तुम्हें देख रहे हैं श्रीमान शी जिनपिंग.

म्यांमार में चीन के खिलाफ सड़कों पर लोग
दरअसल म्यांमार के राजनीतिक संकट के पीछे चीन का हाथ बताया जा रहा है. म्यांमार की राजधानी यंगून में स्थित चीनी दूतावास के बाहर लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया. भारी संख्या में भीड़ चीन विरोधी बैनर लिए मार्च कर रही थी, जिनमें लिखा ‘चीन म्यांमार की सेना का समर्थन कर रही है”.

वहीं एक कतार में खड़े समूह में एक शख्स ने बैनर पर लिखा ”चीन म्यांमार के खनिज और जवाहरात के लिए लालची मत बनो” तो वहीं दूसरे बोर्ड में लिखा है ”चीन, हथियारों से म्यांमार की सेना की मदद मत करो.”

सुरक्षा परिषद में चीन ने निंदा प्रस्ताव पर लगाया वीटो
चीन के खिलाफ म्यांमार में गुस्से की वजह मौजूदा संकट के पीछे चीन की चाल है. 3 फरवरी को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में म्यांमार में हुए तख्तापलट के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित हुआ. अमेरिका-ब्रिटेन समेत सुरक्षा परिषद के अस्थाई सदस्यों ने प्रस्ताव पेश किया. सुरक्षा परिषद में चीन ने वीटो पावर इस्तेमाल कर निंदा प्रस्ताव रोक दिया.

सुरक्षा परिषद ही नहीं म्यांमार में भी पिछले कुछ दिनों से चीन की हलचल तेज हुई है. तख्तापलट से कुछ दिन पहले ही यंगून में मौजूद चीनी राजदूत वांग यी ने म्यांमार के सेना चीफ मिन आंग लाइन से मुलाकात की थी. तख्तापलट के बाद चीनी राजदूत ने इसे आंतरिक मामला बताकर पल्ला झाड़ दिया.

चीनी हरकत के पीछे ओआरओबी है वजह?
म्यांमार में चीन की इस हरकत के पीछे की वजह ओआरओबी को बताया रहा है. म्यांमार चीन की महत्वकांक्षी परियोजना वन रोड वन बेल्ट का सदस्य है. बताया जा रहा है कि आंग सूची की नेतृत्व वाली सरकार इन प्रोजेक्ट को लटका रही थी. जिसके बाद चीन ने दूसरे रास्ते म्यांमार में चुनी हुई सरकार को नजरबंद करवा दिया.

जब म्यांमार में सेना चीन की कठपुतली बन गई और चुनी हुई सरकार कैद हो गई तो ड्रैगन से निपटने के लिए जनता ही सड़कों पर उतर चुकी है. बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बुधवार को म्यामां के सैन्य शासन के खिलाफ नए प्रतिबंध लगाने के आदेश दिए हैं.

E-Paper